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स्त्री जागरण, नव जागरण, पुनर्जागरण जैसे शब्द एवं विचार मूलतः विदेशी शब्दों के हिंदी अनुवाद और विदेशी विचार हैं।
भारतीय संस्कृति में, सभ्यता में, अध्यात्म और दर्शन में तो स्त्री परंपरागत रूप से जाग्रत् और सशक्त रही है। हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में स्त्रियों की सहभागिता स्वतंत्रता से पूर्व तो थी ही, स्वातंत्र्योत्तर भारत में यह सहभागिता अधिक मुखर रही है। आज की हिंदी पत्रकारिता के हर क्षेत्र, चाहे संपादन हो या सह-संपादन, रिपोर्टिंग हो या फोटो पत्रकारिता, विशिष्ट विषयों पर लेखन और चिंतन में प्रभावी दस्तक दी है महिलाओं ने।
‘महिला पत्रकारिता’ पुस्तक पत्रकारिता में महिलाओं के अवदान का दिग्दर्शन करानेवाली शोधपरक कृति है। यह आनेवाले समय में पत्रकारिता में नैतिकता और मूल्यों का संरक्ष्रण करनेवाली स्त्री शक्ति का कार्य प्रशस्त करेगी। पत्रकारिता के विद्यार्थियों और विचारकों के लिए यह महत्त्वपूर्ण शोधग्रंथ सिद्ध होगा। महिला विषयों अैर महिलाओं के पत्रकार कर्म पर शोध करने वालों के लिए आधार-भूमि का कार्य भी करेगी।
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अनुक्रमणिका
मेरी बात — Pgs. ५
१. उत्तर प्रदेश की हिंदी पत्रकारिता में स्त्री सहभागिता — Pgs. १३
२. ऐनी बेसेंट — Pgs. ३४
३. स्वतंत्रता के पश्चात् के पत्र — Pgs. ५२
४. प्रमुख नेत्रियाँ — Pgs. ९१
५. वर्तमान महिला पत्रकारिता — Pgs. १९२
संदर्भ ग्रंथ — Pgs. २४४
जन्म : 2 अक्तूबर, 1953, लखनऊ।
शिक्षा : एम.ए. (मनोविज्ञान), लखनऊ विश्वविद्यालय।
प्रकाशन : ‘सदियों से बैठी’ (काव्य-संग्रह), ‘भीष्म-प्रश्न’ (कथा-संग्रह) प्रकाशनाधीन।
पत्रकारिता : लखनऊ से प्रकाशित हिंदी दैनिक ‘स्वतंत्र भारत’ और ‘कुबेर टाइम्स’ में सन् 1990 से 2000 तक सांस्कृतिक संवाददाता।
आकाशवाणी एवं लखनऊ दूरदर्शन में कई वर्ष महिलाओं के कार्यक्रम का संचालन। शैक्षिक दूरदर्शन एवं विज्ञापन सजेंसियों के लिए आलेख-लेखन।
संपर्क : sudha.shukla@gmail.com