अमित शाह भाजपा के अब तक के सबसे सफल रणनीतिकार हैं। वे लगातार भाजपा की जीत की पटकथा लिख रहे हैं। कोई उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘तुरुप का पत्ता’ कहता है तो कोई भाजपा का ‘चाणक्य’। जहाँ भाजपा कमजोर है, उन राज्यों में पार्टी का कोने-कोने तक विस्तार ही उनका इकलौता मिशन है। अमित शाह राजनीति के रसायनशास्त्र से वाकिफ हैं। वे खाँटी स्वयंसेवक हैं, पर विचारधारा में पगे कठमुल्ला नहीं। सफलता के लिए साम, दाम, दंड, भेद उनके औजार हैं। चुनावी रणनीति में मर्यादा उनके आड़े नहीं आती। इसे इत्तेफाक ही कहेंगे कि गुजरात विश्वविद्यालय के केमिस्ट्री के इस छात्र को राजनीति और समाज की केमिस्ट्री बूझना आता है। उत्तर प्रदेश में भाजपा की कामयाबी से तो यही लगता है। अमित शाह भाजपा के महानायक साबित हो रहे हैं। उनकी हिम्मत, निजी सोच और जोखिम लेने का जज्बा उनकी संभावनाओं को अंतहीन बनाता है। यह पुस्तक अमित शाह के कुछ साक्षात्कारों का संकलन है; जिनसे उनकी वैचारिक प्रतिबद्धता, संगठन-कौशल और देशराग का अनुमान हो पाएगा।