अमित शाह भाजपा के अब तक के सबसे सफल रणनीतिकार हैं। वे लगातार भाजपा की जीत की पटकथा लिख रहे हैं। कोई उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘तुरुप का पत्ता’ कहता है तो कोई भाजपा का ‘चाणक्य’। जहाँ भाजपा कमजोर है, उन राज्यों में पार्टी का कोने-कोने तक विस्तार ही उनका इकलौता मिशन है। अमित शाह राजनीति के रसायनशास्त्र से वाकिफ हैं। वे खाँटी स्वयंसेवक हैं, पर विचारधारा में पगे कठमुल्ला नहीं। सफलता के लिए साम, दाम, दंड, भेद उनके औजार हैं। चुनावी रणनीति में मर्यादा उनके आड़े नहीं आती। इसे इत्तेफाक ही कहेंगे कि गुजरात विश्वविद्यालय के केमिस्ट्री के इस छात्र को राजनीति और समाज की केमिस्ट्री बूझना आता है। उत्तर प्रदेश में भाजपा की कामयाबी से तो यही लगता है। अमित शाह भाजपा के महानायक साबित हो रहे हैं। उनकी हिम्मत, निजी सोच और जोखिम लेने का जज्बा उनकी संभावनाओं को अंतहीन बनाता है। यह पुस्तक अमित शाह के कुछ साक्षात्कारों का संकलन है; जिनसे उनकी वैचारिक प्रतिबद्धता, संगठन-कौशल और देशराग का अनुमान हो पाएगा।
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अनुक्रम
शतरंज के खिलाड़ी — Pgs. 5
1. मोदी शीर्ष नेता हैं तो पार्टी पर
उन्हीं का प्रभाव रहेगा। — Pgs. 11
2. मेरी गांधीवादी माँ ने
मुझे गहराई से प्रभावित किया है। — Pgs. 18
3. इस वक्त भाजपा को देश के कोने-कोने
में ले जाने का जुनून है। — Pgs. 27
4. राजनीति किसी प्रयोगशाला में किया
जानेवाला प्रयोग नहीं है। आपको कठोर
फैसले और जोखिम लेने पड़ेंगे। — Pgs. 35
5. मैं भाजपा को देश की नहीं, दुनिया की
सबसे बड़ी पार्टी बनाऊँगा। — Pgs. 41
6. रजत शर्मा की अदालत में अमित शाह — Pgs. 55
7. मेरे सार्वजनिक जीवन के
सारे फैसले पार्टी लेती है। — Pgs. 73
8. अपनी भूमिका या पद के लिए
कभी नहीं सोचा। — Pgs. 83
9. लोग मोदी के पक्ष में वोट डालने का
इंतजार कर रहे हैं। — Pgs. 91
10. मेरे कुरते पर छोटा दाग भी नहीं है। — Pgs. 101
अमित शाह की संक्षिप्त जीवनी — Pgs. 111
22 अक्तूबर, 1964 को जनमे अमित शाह संगठनात्मक कौशल और सफल रणनीतिकार के रूप में पहचाने जाते हैं। मात्र 14 वर्ष की आयु में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आए और स्वयंसेवक बन गए। 1982 से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के माध्यम से छात्र-राजनीति में सक्रिए हुए। तदनंतर भारतीय जनता युवा मोर्चा, फिर भारतीय जनता पार्टी में महत्त्वपूर्ण दायित्वों के साथ-साथ 1995 में गुजरात स्टेट फाइनेंशियल कॉरपोरेशन के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष चुने गए और लगातार घाटे में चल रहे बैंक को मुनाफे में ला दिया। आपकी शतरंज में विशेष रुचि है, इसलिए आप में धैर्य, रणनीति-संयोजन के गुण हैं। आप गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे।
गुजरात में केशुभाई पटेल और नरेंद्रभाई मोदी की सरकारों में अनेक महत्त्वपूर्ण मंत्रालयों के मंत्री रहे तथा अपनी कार्यदक्षता के बल पर अभूतपूर्व सफलता पाई। 2014 में लोकसभा के चुनावों में भाजपा की विजय के वास्तुकार रहे। संप्रति आप भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के दायित्व का निर्वहन बखूबी कर
रहे हैं।