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भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन की धधकती ज्वाला के बिंब शहीद-ए-आजम भगत सिंह से सब परिचित हैं। युवावस्था में ही मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी। अपने जाँबाज साथियों के साथ उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ क्रांति का एक ऐसा मोरचा खोला कि अंग्रेजी शासन की चूलें हिल गईं।
भगत सिंह न केवल प्रखर क्रांतिकारी थे, अपितु एक दूरदर्शी व्यक्ति, गहन अध्येता व कुशल वक्ता भी थे। उनके विचार समाज एवं राष्ट्र को नई दिशा देनेवाले थे। यह संकलन भारत माँ के वीर सपूत क्रांतियोद्धा भगत सिंह के सुविचारों से हमारा परिचय कराएगा और मार्ग प्रशस्त करेगा।
जन्म : 31 अक्तूबर, 1965।
शिक्षा : हिंदी साहित्य में एम.ए., पोस्ट एम.ए., अनुवाद सिद्धांत एवं व्यवहार डिप्लोमा, पोस्ट एम.ए. अनुप्रयुक्त (हिंदी) भाषा विज्ञान डिप्लोमा, पोस्ट एम.ए. अनुप्रयुक्त (हिंदी) भाषा विज्ञान उच्च डिप्लोमा, बैचलर डिग्री इन मास कम्युनिकेशन, मास्टर डिग्री इन मास कम्युनिकेशन।
कृतियाँ : मैं भगतसिंह बोल रहा हूँ, हिंदी कोश साहित्य, लाल किले से, प्रेमचंद सूक्ति कोश, तुलसी सूक्ति कोश, प्रसाद सूक्ति कोश, शरत सूक्ति कोश, श्री नरेश मेहता सूक्ति कोश, स्वामी रामतीर्थ सूक्ति कोश, रवींद्रनाथ टैगोर सूक्ति कोश, अमृतलाल नागर सूक्ति कोश, सुभाष चंद्र बोस सूक्ति कोश, निराला सूक्ति कोश, मुक्तिबोध सूक्ति कोश,
प्रतिश्रुति : श्रीनरेश मेहता की समग्र कहानियाँ, मेरे साक्षात्कार : श्रीनरेश मेहता, महीप सिंह रचनावली (दस खंड), कुसुम अंसल रचनावली (सात खंड) (संपादित कृतियाँ), तुलसीनिर्देशिका, रामचरित मानस की सूक्तियों का अध्ययन, रामचरित मानस में शिक्षा दर्शन में संपादन सहयोग, तीसरा प्रभाकर, भारतीय मीडिया : अंतरंग परिचय, बच्चन : जाने के बाद एवं छोटे हाथ के रंग बड़े हाथ के संग में सहयोगी लेखक।
संप्रति : स्वतंत्र लेखन।