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परम पावन दलाई लामा विश्व में नैतिकता और सदाचार के उच्चस्थ केंद्र हैं। तिब्बतियों के मानवाधिकारों और उनकी संस्कृति के संरक्षण के प्रयास में परम पावन राजनीतिक स्वतंत्रता नहीं चाहते। वे तो समझौते की माँग भी नहीं करते, बल्कि ‘महान् चीनी जनता’ के साथ मिल-जुलकर काम करने की प्रतिबद्धता और सच्ची स्वायत्तता चाहते हैं। वे एक धार्मिक नेता हैं, जिनको लाखों लोग बुद्ध का अवतार मानते हैं।
मानवता के प्रति उनकी गहरी आस्था, उन्मुक्त हँसी, आत्मिक आनंद तथा स्वभावगत हास्य का अनुभव उनके सान्निध्य में रहकर ही किया जा सकता है। उनकी शांत, आश्वस्त करनेवाली ऊष्म ऊर्जा के सतत प्रवाह को शब्दों में बाँधना संभव नहीं।
परम पावन दलाई लामा बड़ी सहजता से अपने विचार रखते हैं। वे बोलते हैं तो उनके शब्द उनके व्यक्तिगत ज्ञान की गहनता, अंतर्दृष्टि और अपने जीवनकाल में प्राप्त अनुभव से परिपूर्ण होते हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में समय-समय पर दिए गए उनके उद्बोधनों, संवाद तथा परिचर्चा से निकले सार को सूक्ति रूप में दिया गया है। ये सूक्तियाँ मानवता, नैकितकता, सामाजिकता और आदर्शों की अंतर्दृंष्टि देकर जीवन का आनंद बढ़ाने में मदद करेंगी।
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अनुक्रम
प्रस्तावना — Pgs. 7
आभार — Pgs. 13
1. आधुनिक विश्व में धर्म — Pgs. 19
2. बौद्धमत — Pgs. 27
3. गुरु की भूमिका — Pgs. 35
4. करुणा और आनंद — Pgs. 44
5. दुःख — Pgs. 53
6. आध्यात्मिक मार्ग पर बढ़ने की प्रेरणा — Pgs. 60
7. कर्म — Pgs. 66
8. पुनर्जन्म — Pgs. 72
9. निर्वाण/मोक्ष — Pgs. 81
10. चेतना — Pgs. 91
11. शून्यता — Pgs. 99
12. दृश्य-सत्ता — Pgs. 109
13. ध्यान और मानसदर्शन की शक्ति — Pgs. 118
14. मन के प्रशिक्षण की तिब्बती कला — Pgs. 137
15. मन का विज्ञान — Pgs. 142
16. द्वंद्व और धर्म की राजनीति — Pgs. 151
17. सार्वभौमिक उत्तरदायित्व — Pgs. 156
18. तिब्बत की समस्या — Pgs. 163
19. परम पावन दलाई लामा की संस्था का संक्षिप्त परिचय
दि फाउंडेशन फॉर यूनिवर्सल रिस्पॉन्सिबिलिटी — Pgs. 179
20. दलाई लामा : संक्षिप्त जीवन-वृत्त — Pgs. 182
शिक्षा : सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली तथा ऑक्सफोर्ड और कोलंबिया विश्वविद्यालयों में।
कृतित्व : फाउंडेशन फॉर यूनिवर्सल रिस्पॉन्सिबिलिटी ऑफ एच.एच. दि दलाई लामा के सचिव/न्यासी के तौर पर प्रबंधकर्ता हैं। वे पिछले 25 वर्षों से परम पावन दलाई लामा के छात्र और शिष्य हैं तथा पब्लिक सर्विस ब्रॉडकास्टिंग ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी, कार्यकारी निर्माता और कमीशनिंग एडीटर के रूप में काम करते॒हैं।
प्रकाशन : ‘माइंड ऑफ दि गुरु’, ‘अंडरस्टैंडिंग दि दलाई लामा’, ‘दि एसेंशियल दलाईलामा’ और श्रीरामकृष्ण की जीवनी ‘ठाकुर’ शामिल हैं; ‘इन माई ओन वर्ड्स’ और ‘दि दलाई लामा, ऑन लाइफ, लिविंग एंड हैप्पिनेस’ का संपादन। ‘स्पिरिट ऑफ दि म्यूज’ प्रकाशनाधीन। परम पावन दलाई लामा की जीवनी और स्वामी विवेकानंद पर 25 खंडों की टेली शृंखला पर कार्यरत।
सम्मान-पुरस्कार : लगभग 300 वृत्तचित्रों का निर्माण और 50 पुरस्कार प्राप्त। अनेक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों के अलावा भारत के राष्ट्रपति से 9 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त।