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संसार के श्रेष्ठ चिंतकों में अग्रणी खलील जिब्रान के कथन मुख्यतः दैनिक जीवन में संदेश जैसे हैं, अतः वे हमारे जीवन को छूतेसे महसूस होते हैं। उनकी सूक्तियाँ सीधे मर्म को प्रभावित करती हैं। खलील जिब्रान का मानना है कि आदमी का आकलन उसके कर्म तय करते हैं। लेबनान में 6 जनवरी, 1883 को जनमे खलील स्वभाव से विनम्र, मौनप्रिय, भावुक, अच्छे श्रोता, स्त्री अधिकारों के पक्षधर और सकारात्मक आध्यात्मिक मार्गदर्शक रहे। उनके लेखन में मुसलिम, सूफी, बहाई, हिंदू, बौद्ध आध्यात्मिक दर्शन के साथसाथ ईसा मसीह, ब्लेक, नीत्से, यीट्स, व्हिटमैन, इमरसन और उनके समकालीन चिंतकविचारकों के विचारों का संगम देखने को मिलता है। उनके कथन एवं सूक्त वाक्य अनुकरणीय हैं, जो हमारे जीवनदर्शन को गहरे प्रभावित करते हैं।.
हिंदी के प्रतिष्ठित लेखक महेश शर्मा का लेखन कार्य सन् 1983 में आरंभ हुआ, जब वे हाईस्कूल में अध्ययनरत थे। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी से 1989 में हिंदी में स्नातकोत्तर। उसके बाद कुछ वर्षों तक विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए संवाददाता, संपादक और प्रतिनिधि के रूप में कार्य। लिखी व संपादित दो सौ से अधिक पुस्तकें प्रकाश्य। भारत की अनेक प्रमुख हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में तीन हजार से अधिक विविध रचनाएँ प्रकाश्य। हिंदी लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अनेक पुरस्कार प्राप्त, प्रमुख हैंमध्य प्रदेश विधानसभा का गांधी दर्शन पुरस्कार (द्वितीय), पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलाँग (मेघालय) द्वारा डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति पुरस्कार, समग्र लेखन एवं साहित्यधर्मिता हेतु डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान, नटराज कला संस्थान, झाँसी द्वारा लेखन के क्षेत्र में ‘बुंदेलखंड युवा पुरस्कार’, समाचार व फीचर सेवा, अंतर्धारा, दिल्ली द्वारा लेखक रत्न पुरस्कार इत्यादि।
संप्रति : स्वतंत्र लेखक-पत्रकार।