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कुशल शासक एवं संगठक, ओजस्वीवक्ता, कवि-लेखक-विचारक और युगदृष्टा, भारत गणराज्य के सर्वाधिक लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक नारा है—‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’। प्रधानमंत्री जन-धन योजना, आदर्श ग्राम योजना, मेक इन इंडिया, बेटी बचाओ-बेटी बढ़ाओ आदि अनेक महत्त्वाकांक्षी योजनाओं का सफल कार्यान्वयन उनकी प्राथमिकता है। उनके नेतृत्व में जापान, चीन, अमेरिका जैसी विश्व-शक्तियों के साथ-साथ भूटान, नेपाल जैसे पड़ोसी देशों के भी अब भारत के साथ संबंध सुदृढ़ हो रहे हैं। नरेंद्र मोदी कहते हैं कि जब मैं विश्व के किसी शक्ति-संपन्न देश के राष्ट्राध्यक्ष से बराबरी के स्तर पर बात करता हूँ तो उसके पीछे सवा अरब भारतीयों की शक्ति का संबल होता है।
नरेंद्र मोदी का व्यक्तित्व बहुआयामी है। वे एक ओजस्वी वक्ता होने के साथ-साथ अच्छे लेखक भी हैं। उनकी अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं—‘सेतुबंध’, ‘आपातकाल में गुजरात’, ‘ज्योतिपुंज’, ‘सामाजिक समरसता’ तथा ‘साक्षी भाव’। इन पुस्तकों में उनकी समाज के हर वर्ग के प्रति संवेदना और उनका विकास करने की जिजीविषा झलकती है।
प्रस्तुत पुस्तक में संकलित हैं उनके ओजपूर्ण, प्रेरणाप्रद और देशराग के रस में पगे विचार, जो जन-जन को भारत को एक समर्थ और सबल राष्ट्र बनाने के लिए प्रेरित करेंगे।
हिंदी के प्रतिष्ठित लेखक महेश शर्मा का लेखन कार्य सन् 1983 में आरंभ हुआ, जब वे हाईस्कूल में अध्ययनरत थे। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी से 1989 में हिंदी में स्नातकोत्तर। उसके बाद कुछ वर्षों तक विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए संवाददाता, संपादक और प्रतिनिधि के रूप में कार्य। लिखी व संपादित दो सौ से अधिक पुस्तकें प्रकाश्य। भारत की अनेक प्रमुख हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में तीन हजार से अधिक विविध रचनाएँ प्रकाश्य। हिंदी लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अनेक पुरस्कार प्राप्त, प्रमुख हैंमध्य प्रदेश विधानसभा का गांधी दर्शन पुरस्कार (द्वितीय), पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलाँग (मेघालय) द्वारा डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति पुरस्कार, समग्र लेखन एवं साहित्यधर्मिता हेतु डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान, नटराज कला संस्थान, झाँसी द्वारा लेखन के क्षेत्र में ‘बुंदेलखंड युवा पुरस्कार’, समाचार व फीचर सेवा, अंतर्धारा, दिल्ली द्वारा लेखक रत्न पुरस्कार इत्यादि।
संप्रति : स्वतंत्र लेखक-पत्रकार।