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‘वीर सावरकर’—यह शब्द साहस, वीरता, देशभक्ति, दूरदर्शी राजनीतिज्ञ का पर्याय बन गया है। स्वातंत्र्यवीर सावरकर न केवल स्वाधीनता-संग्राम के एक तेजस्वी सेनानी थे अपितु वह एक महान् क्रांतिकारी, चिंतक, सिद्धहस्त लेखक, सशक्त कवि, ओजस्वी वक्ता तथा दूरदर्शी राजनेता भी थे। वह एक ऐसे भारतीय इतिहासकार भी थे, जिन्होंने अपने महान् राष्ट्र की विजय के इतिहास को प्रामाणिक रूप में लिपिबद्ध किया तो ‘1857 का प्रथम स्वातंत्र्य समर’ का सनसनीखेज व खोजपूर्ण इतिहास लिखकर ब्रिटिश शासन को हिला दिया था। उनका यह महान् ग्रंथ प्रकाशित होने से पूर्व ही जब्त कर ब्रिटिश शासन ने उनकी लौह-लेखनी का लोहा माना था।
ऐसे प्रथम भारतीय नागरिक, जिन पर हेग के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मुकदमा चलाया गया। ऐसे प्रथम क्रांतिकारी, जिन्हें ब्रिटिश सरकार द्वारा दो बार आजन्म कारावास की सजा सुनाई गई। प्रथम साहित्यकार, जिन्होंने लेखनी और कागज से वंचित होने पर भी अंडमान जेल की दीवारों पर कीलों, काँटों और यहाँ तक कि नाखूनों से विपुल साहित्य का सृजन किया और ऐसी सहस्रों पंक्तियों को वर्षों तक कंठस्थ कराकर अपने सहबंदियों द्वारा देशवासियों तक पहुँचाया। ऐसे प्रथम भारतीय लेखक, जिनकी पुस्तकें मुद्रित व प्रकाशित होने से पूर्व ही दो-दो सरकारों ने जब्त कर लीं।
महान् क्रांतिकारी तथा चिंतक-विचारक-लेखक स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर के चिंतनपरक विचारों का अद्भुत संकलन।
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अनुक्रम
इतिहास पुरुष वीर सावरकर —Pgs. 5
मैं सावरकर बोल रहा हूँ —Pgs. 27
अंतिम प्रणाम —Pgs. 27
अकबर —Pgs. 28
अणुबम —Pgs. 29
अतिरेक —Pgs. 30
अनिवार्य —Pgs. 30
अनादि-अनंत —Pgs. 31
अन्याय —Pgs. 31
अपराजेय —Pgs. 31
अपावन क्रांति —Pgs. 33
अभिलाषा —Pgs. 33
अलगाव —Pgs. 33
अशोक —Pgs. 34
अस्पृश्यता —Pgs. 34
अहंकार —Pgs. 36
अहिंसा —Pgs. 36
अहिंसा का अतिरेक —Pgs. 37
आक्रामक नीति —Pgs. 38
आततायी —Pgs. 38
आत्मघात —Pgs. 39
आत्मयज्ञ —Pgs. 39
आत्मार्पण —Pgs. 40
आदर्श ध्येय वाक्य —Pgs. 40
आध्यात्मिकता —Pgs. 41
आह्वान —Pgs. 41
इंग्लैंड —Pgs. 42
इतिहास —Pgs. 43
इतिहास के पृष्ठ —Pgs. 44
इतिहास से प्रेरणा —Pgs. 44
ईश्वर पतित पावन है —Pgs. 45
ईसाइस्तान का खतरा —Pgs. 46
उदारता —Pgs. 47
उर्दू —Pgs. 48
एकता —Pgs. 49
एकमात्र मार्ग —Pgs. 49
एक राष्ट्र —Pgs. 50
एजेंट —Pgs. 51
कठोर —Pgs. 51
कर्तव्य —Pgs. 51
कविता —Pgs. 52
क्रांति —Pgs. 53
क्रांति का नियमन —Pgs. 53
क्रांतिकारी —Pgs. 53
क्रांति-ज्वाला —Pgs. 54
कुटिल प्रयास —Pgs. 55
खड्ग —Pgs. 56
गर्व —Pgs. 56
गलत नीति —Pgs. 56
गीता —Pgs. 57
ग्राह्यतम धर्म —Pgs. 57
चार धाम —Pgs. 57
चीन का आक्रमण —Pgs. 58
चुनौती —Pgs. 58
चीन की चुनौती —Pgs. 58
चीन से भय क्यों? —Pgs. 59
जातियाँ —Pgs. 60
जाति-बंधन —Pgs. 60
जाति-बहिष्कार —Pgs. 61
जाति-भेद —Pgs. 62
जैसे को तैसा —Pgs. 62
जौहर —Pgs. 62
ज्ञान —Pgs. 64
तिलक —Pgs. 64
तीर्थस्थल —Pgs. 65
तुष्टीकरण —Pgs. 65
देशभक्ति —Pgs. 66
धर्म और राजनीति —Pgs. 67
धर्म क्या है? —Pgs. 68
धर्मशास्त्र —Pgs. 69
धरोहर —Pgs. 69
नाम —Pgs. 71
पंथ और संप्रदाय —Pgs. 72
परकीय नाम —Pgs. 72
परतंत्रता —Pgs. 73
पर्व —Pgs. 73
पाकिस्तान —Pgs. 74
पारितोषिक —Pgs. 75
पुनरुत्थान —Pgs. 75
प्रताड़ना —Pgs. 76
प्रतिकार —Pgs. 76
प्रतिशोध —Pgs. 76
बढ़ो —Pgs. 77
बल —Pgs. 77
बुद्ध कि युद्ध? —Pgs. 79
बेडि़याँ —Pgs. 79
भाड़े के सैनिक —Pgs. 82
भारत —Pgs. 82
भारतीय गणराज्य —Pgs. 83
भीरुता —Pgs. 83
भेद रहित हिंदी राज्य —Pgs. 84
भेद रहित के नीचे —Pgs. 84
भ्रांति —Pgs. 85
मातृशक्ति —Pgs. 86
महान् विभूतियाँ —Pgs. 87
मजहबी धारणा —Pgs. 88
मनोवृत्ति —Pgs. 88
मातृभूमि —Pgs. 89
मातृभूमि को अर्पित वंश —Pgs. 90
मातृभूमि तुझे सर्वस्व अर्पण है —Pgs. 91
भारतीय ललनाओं का तेज नष्ट नहीं हुआ है —Pgs. 92
मुसलिम मनोवृत्ति —Pgs. 93
मृत्यु —Pgs. 94
मृत्यु और जीवन —Pgs. 95
मृत्यु का भय —Pgs. 95
मूलभूत एकता —Pgs. 96
रक्त —Pgs. 97
रणनीति —Pgs. 97
राजमुकुट —Pgs. 98
रामायण —Pgs. 98
श्रीराम का आदर्श —Pgs. 99
राष्ट्रभाषा —Pgs. 100
राष्ट्रीय संकल्प —Pgs. 105
राष्ट्रीय अस्तित्व —Pgs. 106
राष्ट्रीय एकता —Pgs. 107
लड़ते रहेंगे —Pgs. 107
लिपि —Pgs. 107
वंदेमातरम् —Pgs. 108
विकृति —Pgs. 109
विजय —Pgs. 110
विज्ञान से सामना —Pgs. 110
शक्ति-पूजा —Pgs. 111
शत्रु-दलन —Pgs. 112
शस्त्र-बल —Pgs. 113
शांति —Pgs. 113
शास्त्र नहीं—विज्ञान —Pgs. 113
शुद्धिकरण —Pgs. 114
संकीर्णता —Pgs. 116
संख्याबल —Pgs. 117
संगठन —Pgs. 119
संघ —Pgs. 119
संघर्ष —Pgs. 120
संघ-शक्ति —Pgs. 120
संतोष —Pgs. 121
संस्कृत —Pgs. 121
संस्कृति —Pgs. 122
सचेष्ठ —Pgs. 122
सतीत्व का वरण —Pgs. 122
सब हिंदू हैं —Pgs. 123
समान अधिकार —Pgs. 124
साहस —Pgs. 124
समाधान —Pgs. 124
सहिष्णुता —Pgs. 125
साझी संपत्ति —Pgs. 125
सारथी —Pgs. 126
स्वधर्म और स्वराज्य —Pgs. 126
सिख —Pgs. 126
सिख पंथ —Pgs. 127
सिखों का भ्रम —Pgs. 128
सिंधु-रहित स्वाधीनता —Pgs. 130
सैनिकीकरण —Pgs. 130
सैनिक शक्ति —Pgs. 131
साहित्यकारों से —Pgs. 132
साम्यवादियों का राष्ट्र-द्रोह —Pgs. 133
स्वराष्ट्र —Pgs. 134
स्वाधीनता —Pgs. 134
हिंदुत्व —Pgs. 136
हिंदुस्थान का वैशिष्ट्य —Pgs. 137
हिंदू की प्राचीनता —Pgs. 138
हिंदू कौन? —Pgs. 138
हिंदू ध्वज के नीचे —Pgs. 139
हिंदू शब्द —Pgs. 140
हिंदू राष्ट्र —Pgs. 143
जन्म : 31 अक्तूबर, 1938 को पिलखुवा (गाजियाबाद) में।
सन् 1967 में हिंदुस्थान समाचार (संवाद समिति) के संपादकीय विभाग में नियुक्त। 1968 में संसद् की कार्यवाही की रिपोर्टिंग शुरू की। आकाशवाणी तथा दूरदर्शन से संसद् समीक्षा, सामयिकी तथा साक्षात्कार प्रसारित।
प्रकाशन : 1962 के शहीदों पर ‘हिमालय के प्रहरी’, जिसकी भूमिका राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त ने लिखी। ‘धर्म-क्षेत्रे’ (प्रेरक प्रसंग), ‘हमारे वीर जवान’, ‘माटी है बलिदान की’, ‘अमर सेनानी सावरकर’, ‘नेताजी सुभाषचंद्र बोस’, ‘लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक’, ‘स्वामी विवेकानंद जीवन और विचार’, ‘भारत की वीर गाथाएँ’, ‘न्याय की कहानियाँ’, ‘सबसे बड़ी जीत’ (बाल साहित्य), ‘222 शिक्षाप्रद बोध कथाएँ’, ‘201 प्रेरक नीति कथाएँ’, ‘सोने का महल’, ‘कारगिल के वीर’, ‘शहीदों की गाथाएँ’, ‘जवानों की गाथाएँ’ आदि तीन दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित।
सम्मान-पुरस्कार : कुशल संपादन के लिए स्वर्ण पदक, कोलकाता के प्रसिद्ध बड़ा बाजार कुमारसभा पुस्तकालय का ‘भाई हनुमानप्रसाद पोद्दार राष्ट्रसेवा सम्मान’, केंद्रीय हिंदी संस्थान का ‘गणेशशंकर विद्यार्थी पत्रकारिता सम्मान’।