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स्टीव जॉब्स को कंप्यूटर तकनीक का ‘माइकेल एंजेलो’ कहा गया है। जिन उपकरणों का आविष्कार एवं प्रसार उन्होंने किया, उनके पीछे सुविधा और साधन की सहजता के साथ कलात्मक प्रस्तुति अहम रहती थी। छोटे कंप्यूटर हों, संगीत सुनने के यंत्र हों, मोबाइल उपकरण हों या निपट संकुचित टैबलेट संयंत्र, सुरुचि और प्रतिभा के बल पर स्टीव जॉब्स ने अपने बनाए उपकरणों को दुनिया भर में पहचान दिलाई। ऐसी प्रतिभा कम ही लोगों में होती है।
असीम कल्पनाशीलता के बल पर कंप्यूटरों के सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर से लेकर बनावट तक में उन्होंने अलग छाप छोड़ी। स्टीव जॉब्स ने आईपॉड की खोज करके संगीत की दुनिया को लोगों की जेबों में समेट दिया। आईफोन बनाया तो फोन में कंप्यूटर का जादुई अहसास भर दिया। फिर आईपैड के आविष्कार ने सूचना तकनीक की तमाम सुविधाओं को एक उपकरण में इकट्ठा कर दिया। इस तरह उन्होंने कंप्यूटर जैसे उपकरण को रोजमर्रा की आवश्यकता बना दिया। इससे दुनिया भर में सूचना-क्रांति को काफी बल मिला।
प्रस्तुत पुस्तक में स्टीव जॉब्स की प्रेरक सूक्तियों का संकलन किया गया है, जो नवाचार, कठोर परिश्रम, लगन और टीमवर्क की भावना को बल देती हैं।
हिंदी के प्रतिष्ठित लेखक महेश शर्मा का लेखन कार्य सन् 1983 में आरंभ हुआ, जब वे हाईस्कूल में अध्ययनरत थे। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी से 1989 में हिंदी में स्नातकोत्तर। उसके बाद कुछ वर्षों तक विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए संवाददाता, संपादक और प्रतिनिधि के रूप में कार्य। लिखी व संपादित दो सौ से अधिक पुस्तकें प्रकाश्य। भारत की अनेक प्रमुख हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में तीन हजार से अधिक विविध रचनाएँ प्रकाश्य। हिंदी लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अनेक पुरस्कार प्राप्त, प्रमुख हैंमध्य प्रदेश विधानसभा का गांधी दर्शन पुरस्कार (द्वितीय), पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलाँग (मेघालय) द्वारा डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति पुरस्कार, समग्र लेखन एवं साहित्यधर्मिता हेतु डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान, नटराज कला संस्थान, झाँसी द्वारा लेखन के क्षेत्र में ‘बुंदेलखंड युवा पुरस्कार’, समाचार व फीचर सेवा, अंतर्धारा, दिल्ली द्वारा लेखक रत्न पुरस्कार इत्यादि।
संप्रति : स्वतंत्र लेखक-पत्रकार।