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दिल्ली हर दिन नई होती जा रही है और उसकी आदिकाल से पहचान रही यमुना नदी दिन-ब-दिन मैली, गंदी और जहरीली होती जा रही है। यमुना को साफ-सुथरी और अविरल केवल दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरा देश देखना चाहता है, लेकिन उसकी सफाई सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी मानी जाती है। दिल्लीवाले इसकी सफाई के लिए कुछ करने को तैयार नहीं हैं, लेकिन स्वयं सरकार की तरफ उँगली उठाने से अपने को कभी नहीं रोक पाते। ऐसा करते समय वे यह भूल जाते हैं कि, एक उँगली सरकार की ओर उठा रहे हैं, लेकिन बाकी उँगलियाँ उनकी ही ओर हैं।
क्या सचमुच यमुना की सफाई सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी है, क्या दिल्ली और देशवासियों का यमुना के प्रति कोई उत्तरदायित्व नहीं है? जबकि यमुना को मैली, गंदी और जहरीली बनाने में देशवासियों और दिल्लीवासियों का अहम योगदान है।
यह पुस्तक हिमालय की शृंखलाओं में यमनोत्तरी से लेकर प्रयागराज तक की यमुना की व्यथा-कथा बताती है। पुस्तक का उद्देश्य यमुना को बचाने के लिए लोगों को प्रेरित करना और युवाओं को जागरूक करना है; यमुना को बचाने में उन्हें भागीदार बनाना है।
यमुना और इसी क्रम में अन्य नदियों को साफ-स्वच्छ रखने के प्रति लोगों को सचेत करती पठनीय पुस्तक।
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अनुक्रम
भूमिका — Pgs. 7
1. विषय प्रवेश — Pgs. 15
2. दिल्ली का इतिहास, संस्कृति, सभ्यता और समाज — Pgs. 41
3. यमुना में कितनी गंदगी — Pgs. 73
4. यमुना कैसी थी, अब कैसी? — Pgs. 79
5. क्यों नहीं साफ हो पाई यमुना? — Pgs. 102
6. कौन करे और कैसे होगी साफ यमुना? — Pgs. 110
7. अपनों और दूसरों ने किया, फिर हम क्यों नहीं? — Pgs. 115
27 सितंबर, 1977, जन्दाहा, वैशाली (बिहार) में जन्म। दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में बी.ए. किया। उत्तर प्रदेश, ‘राजर्षि टंडन ओपन यूनिवर्सिटी’ से पत्रकारिता में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। पत्रकारिता की शुरुआत ट्रेनी के रूप में ‘आकाशवाणी’, दिल्ली से की। फिर टेलीविजन पत्रकारिता को अपनाया। ‘अमर उजाला’ समाचार-पत्र में रहीं। तदनंतर ‘टाइम्स ग्रुप’ के साथ पर्सनल फाइनेंस की पत्रिका ‘मनी मंत्र’ से जुड़ीं। राजनीतिक पत्रिका ‘शुक्रवार’ में स्थानांतरण।
अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर समाज के गरीब, पिछड़े, कमजोर और बेसहारा वर्गों के बच्चों के उत्थान हेतु काम किया। उन्हें पढ़ाया। प्रचुर लेखन, भ्रूण हत्या तथा महिलाओं के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार के प्रति कई पत्र-पत्रिकाओं में नियमित लेखन। स्वास्थ्य लेखन के लिए ‘दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन’ की ओर से उत्कृष्ट पत्रकारिता का सम्मान प्राप्त, ‘मातृश्री’ पुरस्कार तथा ‘साहित्यश्री’ सम्मान से सम्मानित।