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Maj Chint Singh: The Man Who Should Have Died | Indian Warriors Who Got A Second Life In World War 2 Book in Hindi   

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Author Narinder Singh Parmar
Features
  • ISBN : 9789355625717
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Narinder Singh Parmar
  • 9789355625717
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2025
  • 176
  • Soft Cover
  • 150 Grams

Description

"द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान न्यू गिनी • के घने जंगलों में ऑस्ट्रेलियाई सेना द्वारा बचाए गए एक भारतीय युद्धबंदी की रोमांचक और सच्ची कहानी, जो 2400 से अधिक सैनिकों में अकेला जीवित बचा और ऑस्ट्रेलियाई युद्ध अपराध आयोग में मुख्य गवाह बना। 

'मेजर चिंत सिंह' एक प्रेरक कहानी है, जो द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान एक भारतीय अधिकारी के जीवित रहने, उनके अदम्य साहस, धैर्य और कर्तव्यनिष्ठा का वर्णन करती है। 

1942 में सिंगापुर के पतन के बाद लगभग 2400 भारतीय युद्धबंदियों को श्रमिक के रूप में पापुआ न्यू गिनी भेजा गया। दो वर्षों में ही अधिकांश सैनिक जंगली बुखार और घातक बीमारियों, कुपोषण, जापानी सेना की क्रूर यातनाओं या मित्र देशों की बमबारी में मारे गए। मेजर चिंत सिंह उन ग्यारह जीवित सैनिकों में से थे, जिन्हें ऑस्ट्रेलियाई सेना ने बचाया था। दुर्भाग्यवश, उनके दस साथी एक विमान दुर्घटना में तब मारे गए, जब वे स्वदेश लौट रहे थे। इस तरह मेजर चिंत सिंह लगभग 2400 युद्धबंदियों में से अकेले जीवित बचने वाले सैनिक बन गए। 

सबसे दिलचस्प सवाल: मेजर चिंत सिंह कैसे बच पाए ? जापानी कैद में रहते हुए उन्हें किन मुश्किलों का सामना करना पड़ा ? ऑस्ट्रेलिया में जापानियों के खिलाफ युद्ध-अपराधों की सुनवाई में उन्हें मुख्य गवाह क्यों बनाया गया ? 

जवाब जानने के लिए मेजर चिंत सिंह की यह अनोखी सच्ची कहानी पढ़ें!"

The Author

Narinder Singh Parmar

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