Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Malti Joshi ki lokpriya kahaniyan   

₹350

Out of Stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Malti Joshi
Features
  • ISBN : 9789351868828
  • Language : Hindi
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Malti Joshi
  • 9789351868828
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2019
  • 184
  • Hard Cover

Description

मालती जोशी की कहानियों के साथ उनके लाखों प्रशंसक अपनी जिंदगी का ताना-बाना बुनते हैं। एकदम सहज और घरेलू होने के बाद भी उनकी कहानियाँ बहुत बड़ा सामाजिक संदेश दे जाती हैं। ये कहानियाँ संस्कारों का भंडार हैं। मानवीय संवेदनाओं के सूक्ष्मतम स्पंदनों को भी अपने शब्दों में बाँधने की क्षमता रखनेवाली मालतीजी अपनी सहज प्रवाहमय भाषा शैली के माध्यम से कब पाठकों के मन की गहराई में उतर जाती हैं, पता ही नहीं चलता। आज मालतीजी की कहानियाँ समाज के हर वर्ग में, चाहे वो गृहिणी हो या कामकाजी महिला, बड़े पदों पर पदस्थ व्यक्ति है या अपनी सीमित आय में कठिनाई से जीवनयापन करनेवाला साधारण व्यक्ति, नवविवाहित हो या वानप्रस्थ की ओर जाते दंपति हो, गाँव-देहात में पढ़नेवाला युवा हो या महानगरों में बड़े प्रोफेशनल कॉलेज में पढ़नेवाला युवा, गरज ये कि सभी वर्गों में सभी पीढि़यों में आदर और सम्मान के साथ ग्रहण की जाती हैं। यही कारण है कि आज मालती जोशी की कहानियों को बिखरते परिवारों को फिर से एक सूत्र में पिरोने की क्षमता रखनेवाले आशा के केंद्र के रूप में देखा जाता है।
अपनी इस विलक्षण रचनाधर्मिता में मालतीजी ने एक नया आयाम जोड़ा है— कथा कथन का। मराठी की एक प्रचलित विधा का हिंदी में प्रयोग सर्वथा नया और अनूठा है। मालतीजी अपनी पूरी कहानी बिना पढ़े, बिना देखे भावों का सम्मिश्रण करते हुए पाठकों को सुनाती हैं। कथा सुननेवाले कहानी से, कथ्य से तो मुग्ध होते ही हैं, मालतीजी की शैली से भी चमत्कृत हो जाते हैं।

______________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

अनुक्रम

भूमिका — 7

1. परिणय — 11

2. कैलक्यूलेशन — 36

3. पिता — 41

4. तुम मेरी राखो लाज हरि — 52

5. आखिरी शर्त — 68

6. बहुरि अकेला — 75

7. इच्छाओं का अनंत आकाश — 91

8. मोरी रँग दी चुनरिया — 98

9. साजिश — 120

10. अंतिम संक्षेप — 126

11. शापित शैशव — 148

 

The Author

Malti Joshi

जन्म : औरंगाबाद (पूर्व हैदराबाद राज्य) में 
4 जून, 1934 को महाराष्ट्रियन परिवार में।
शिक्षा : एम.ए. हिंदी, आगरा विश्वविद्यालय।
रचना-संसार : विविध विधाओं की 40 से भी अधिक पुस्तकें प्रकाशित; 10 मराठी कथा-संग्रह, एक गीत-संग्रह एवं हिंदी की लगभग सभी पत्र-पत्रिकाओं में कहानियाँ एवं लघु उपन्यास प्रकाशित। अनेक कहानियों का कन्नड़, मलयालम, तमिल, गुजराती, उर्दू आदि भारतीय भाषाओं में अनुवाद प्रकाशित हुआ है। अंग्रेजी, रूसी और जापानी भाषाओं में अनुवाद के कारण इनका साहित्य विदेशी पाठकों तक भी पहुँचा है। दो दर्जन से भी अधिक नाटकों का रेडियो एवं टेलीविजन नाट्य रूपांतर। 
पुरस्कार-सम्मान : ‘साहित्य शिखर सम्मान’, ‘भवभूति’, ‘अहिंदी भाषी’ लेखिका के रूप में सम्मान, ‘अक्षर आदित्य सम्मान’, ‘कला मंदिर सम्मान’, ‘गुरुवंदना सम्मान’, ‘महिला वर्ष सम्मान’ एवं अन्य सम्मान। इनके साहित्य पर विश्व-विद्यालयों में एम.फिल. एवं पी-एच.डी. के लिए कई शोध हुए हैं।
संपर्क : ‘स्नेहबंध’, 50 दीपक सोसाइटी, चूना भट्ठी, कोलार रोड, भोपाल-462016
दूरभाष : 0755-2461638

 

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW