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यह ऐसी पुस्तक नहीं है, जिसमें प्रसिद्ध और महान् लोगों की कहानियों से आपको कुछ सीखने के लिए कहा जाए। इस पुस्तक में आम लोगों की कहानी है, जिनमें असफल प्रबंधक भी शामिल हैं। इसमें ऐसी कहानियाँ हैं, जो लोगों को अपनी स्वयं की कहानी लग सकती है, या कि वे इन कहानियों को स्वयं से जोड़कर देख सकते हैं।
यह पुस्तक चार खंडों में बँटी है। पहले खंड में एक व्यक्ति के कैरियर की कहानी है। इस कहानी के माध्यम से ही फ्रेमवर्क की व्याख्या की गई है। आगे के तीन खंडों में मैनेजरों की तीनों दुनिया की झलक प्रस्तुत की गई है—ये हैं आंतरिक दुनिया, संबंधों की दुनिया और तीसरी वह दुनिया, जिसमें उसके काम होते हैं।
पुस्तक की एक विशेषता यह भी है कि यह पूरी तरह से प्रयोगों पर आधारित है। एक-एक घटना अथवा कहानी वास्तविक जीवन से जुड़ी है, बस पात्रों के नाम बदले हुए हैं। ये घटनाएँ व कहानियाँ लेखक के अपने या सहयोगियों के अनुभवों पर आधारित हैं।यह पुस्तक आपकी मैजेनमेंट क्षमता को नया आयाम देगी, आपकी ‘स्मार्टनेस’ बढ़ाएगी। इसके अध्ययन और मनन से आप अपने कौशल को बढ़ा पाएँगे और स्मार्ट मैनेजर बनकर सफलता का नया अध्याय लिखेंगे।
मैनेजरों को सफल मैनेजमेंट के गुरुमंत्र बतानेवाली प्रैक्टिकल हैंडबुक।
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अनुक्रम
दो शब्द — Pgs. 5
आमुख — Pgs. 9
आभार — Pgs. 15
खंड-I : एक ढाँचा
1. राम का अनूठा कैरियर — Pgs. 21
2. तीन दुनिया का ढाँचा — Pgs. 33
3. सुस्पष्ट प्रतिक्रिया — Pgs. 45
4. अंतर्निहित फीडबैक — Pgs. 57
खंड-II : आंतरिक दुनिया
5. भौतिक अहं — Pgs. 73
6. स्व-मनोवैज्ञानिक — Pgs. 84
7. नैतिक एवं आध्यात्मिक अहं — Pgs. 94
खंड-III : लोगों की दुनिया
8. विचार-संप्रेषण — Pgs. 107
9. विचार-संप्रेषण में चूक — Pgs. 119
10. प्रतिबद्धता — Pgs. 130
खंड-IV : लोगों से काम लेने की दुनिया
11. वास्तुविद् और अभियंता — Pgs. 143
12. रूपांतरणकर्ता (ट्रांसफॉर्मर) — Pgs. 155
आर. गोपालकृष्णन बेस्टसेलर पुस्तक ‘द केस ऑफ द बोनसाई मैनेजर’ के लेखक हैं। उन्होंने कलकत्ता में भौतिकशास्त्र और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, खड़गपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। वे हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम में भी सम्मिलित हुए। उनके पास व्यावसायिक मैनेजर के रूप में 43 सालों का अनुभव है। उन्होंने इकतीस वर्ष हिंदुस्तान लीवर में और 12 वर्ष टाटा में काम किया। वे इंग्लैंड और सऊदी अरब में भी काम कर चुके हैं। उन्होंने लगभग पूरी दुनिया का भ्रमण किया है।यूनीलीवर की सऊदी इकाई के अध्यक्ष के रूप में वे जेद्दाह में और ब्रुक बॉण्ड लिप्टन इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में बंगलौर में रहे। वे हिंदुस्तान लीवर के उपाध्यक्ष भी रहे। इसके बाद वे टाटासंस में चले गए, जहाँ उन्होंने मुंबई में एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर का पद सँभाला। वे अखिल भारतीय मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे।
संपर्क : rgopal@tata.com