₹250
आज के युग में जहाँ थोड़ी-थोड़ी संपत्ति के लिए भाई भाई को मार डालता है; हिस्से में थोड़ी सी न्यूनता हो जाने पर पुत्र अपने माता-पिता की निर्मम हत्या तक कर देता है, वहीं पिता द्वारा दिए गए चक्रवर्ती राज्य को छोटा भाई (श्री भरत) बड़े भाई की संपत्ति समझता है और चौदह वर्ष तक पर्णकुटी में रहकर उसकी रक्षा करता है। आज जबकि टूटते परिवारों से दुःखी समाज के हितैषी संत-महात्मा तथा सरकारें चिंतित हैं और संयुक्त परिवारों की पुनर्स्थापना हेतु अनेक प्रयास कर रही हैं, ऐसे समय में ‘रामचरितमानस’ बहुत ही प्रासंगिक है।
हमारे सामाजिक जीवन की आधारशिला परिवार है। यहीं हम संस्कारित होते हैं। ‘रामचरितमानस’ हमको यह सिखाता है कि पारिवारिक सदस्यों के त्याग, सहयोग, एक-दूसरे को सम्मान देने, प्रेम और पारस्परिक संतुष्टि से ही कोई कुटुंब समृद्धशाली बनता है। अपने लिए वनवास दिए जाने की घटना को श्रीराम कितनी सहजता और प्रसन्नता से लेते हैं, तभी तो असमंजस में पड़े पिता से कहते हैं, ‘‘पितु असीस आयसु मोहि दीजै। हरष समय बिसमउ कत कीजै॥’’
यह पुस्तक आज के टूटते-बिखरते समाज और परिवारों को प्रेम, सद्भाव, साहचर्य, सह-अस्तित्व, सहिष्णुता एवं अन्य मानवीय गुणों से समाहित कर आदर्श समाज की स्थापना का शाश्वत संदेश देनेवाली ‘रामचरितमानस’ की प्रासंगिकता और महत्त्व को रेखांकित करती है
राम जन्म सिंह
जन्मतिथि : 28 अगस्त, 1952
शैक्षिक योग्यता : एम.एस-सी. (भौतिकी), बी.एड.। सतत प्रथम श्रेणी शैक्षिक रिकॉर्ड।
प्रधानाचार्य पद का अनुभव : 31 वर्ष 5 माह 10 दिन। प्रवक्ता, भौतिक विज्ञान : 11 वर्ष 5 माह 13 दिन। शिक्षा-जगत् के सर्वोच्च सम्मान ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार’ से मान. राष्ट्रपति द्वारा वर्ष 2009 में सम्मानित।
रचनाएँ : श्रीरामकथा, पीड़ा और अन्य कविताएँ, मानस की प्रासंगिकता।
राजनीतिक दायित्व : चुनाव अभिकर्ता, पूज्य महंत योगी आदित्यनाथजी महाराज, सांसद— गोरखपुर (लोकसभा) चुनाव वर्ष, 2004, 2009 एवं 2014 तथा श्री रविकिशनजी, सांसद—गोरखपुर, चुनाव वर्ष 2019। कई सामाजिक/शैक्षिक/ सांस्कृतिक संस्थाओं से सक्रिय रूप से संबद्ध।
सामाजिक/शैक्षिक एवं अन्य दायित्व : सदस्य, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, गोरखपुर; सदस्य, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद्, गोरखपुर; डिस्ट्रिक्ट चीफ कमिश्नर, उ.प्र. भारत स्काउट और गाइड, जनपद-गोरखपुर। लगातार 03 टर्म (10 वर्ष); प्रादेशिक उपाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश, प्रधानाचार्य, परिषद्; सदस्य, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, गोरखपुर; सदस्य, जिला रेडक्रास सोसाइटी, गोरखपुर।