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लोकप्रियता के नए आयाम स्थापित कर चुका भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ लोगों के हृदय में स्थान बनाने के साथ ही जन-चेतना जाग्रत् करने के सशक्त माध्यम के रूप में उभरकर आया है। ‘मन की बात’ मात्र एकपक्षीय कार्यक्रम नहीं है, वरन् इसके द्वारा आम लोगों की बात एवं मनोस्थिति को पूरा देश सुनता है। वैश्विक परिदृश्य में ‘मन की बात’ इकलौता ऐसा कार्यक्रम है, जिसके चलते देश का प्रधानसेवक अपनी जनता से सीधे जुड़ा हुआ है।
‘सामाजिक चेतना का अग्रदूत : मन की बात’ द्वारा कार्यक्रम से जुड़े जन-हितैषी मुद्दों की गहन पड़ताल की गई है कि कैसे उक्त मुद्दों ने सामाजिक-चेतना जाग्रत् करने का उपक्रम किया है। लेखक ने गहन शोध और अध्ययन करके इस कार्यक्रम के माध्यम से जो चेतना, और समझ विकसित की है, इसमें उसका लेखा-जोखा प्रस्तुत किया है। हर माह प्रधानमंत्री ‘मन की बात’ में ऐसे विषयों को संबोधित करते हैं, जो राजनीति से परे परंतु आम आदमी के हितों से सीधे जुड़े होते हैं। निश्चित रूप से उनकी यह पहल अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के जीवन में बदलाव ला रही है, जिसका स्वागत किया जाना चाहिए। पुस्तक द्वारा यह बताने की कोशिश की गई है कि कैसे राजनीति से इतर भी आम आदमी राष्ट्र की मुख्यधारा में जुड़कर अपने समाज व राष्ट्र की उन्नति में योगदान दे सकता है।
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अनुक्रम
चिंतनशील प्रधानमंत्री के विचारों का पुंज ‘मन की बात’— शिवराज सिंह चौहान — 7
मार्ग दिखाती ‘मन की बात’ — वसंधुरा राजे — 9
जनांदोलन बना ‘मन की बात’ — देवेंद्र फडणवीस — 11
जहाँ जनता सर्वोपरि, वही सच्चा लोकतंत्र — रघुबर दास — 15
मनोगत — 17
आभारोति — 20
1. स्वच्छ भारत अभियान — (अतूबर-नवंबर 2014) — 23
2. खुले में शौच से मुत होता भारत — (अतूबर-नवंबर 2014) — 34
3. खादी को मिली सामाजिक स्वीकार्यता — (नवंबर 2014, जनवरी 2016) — 41
4. नशे की समस्या पर संज्ञान एक सराहनीय पहल — (दिसंबर 2014) — 46
5. ‘पास’ नहीं ‘सफल’ बनने के लिए अर्जित करें ज्ञान — (फरवरी 2015-16) — 53
6. योग को मिली वैश्विक पहचान — (मई-जून, 2015) — 59
7. ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ एक सामाजिक पहल — (जून 2015) — 67
8. सड़क सुरक्षा पर जागरूकता अभियान — (जुलाई 2015) — 74
9. ‘जन-धन योजना’ की सफलता अभूतपूर्व — (अगस्त 2015) — 81
10. ‘अंगदान-महादान’ पर चर्चा, मानवीय संवेदना — (अतूबर-नवंबर, 2015) — 86
11. ‘दिव्यांग’ नाम देकर किया जीवन सार्थक — (दिसंबर 2016) — 95
12. जल संचय को लेकर बढ़ी जागरूकता — (मार्च-अप्रैल 2016) — 101
13. जल संचय को देना ही होगी प्राथमिता — (मई 2016) — 114
14. काले धन को सफेद करने का दिया मौका — (जून 2016) — 118
15. प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान : गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान — (जुलाई 2016) — 124
16. खेलों को नए स्तर पर पहुँचाएगी यह सोच — (जुलाई-अगस्त 2016) — 131
17. कश्मीर समस्या के समाधान के लिए एकता और ममता को बताया मूल मंत्र — (28 अगस्त, 2016) — 137
18. शास्त्र और शति का उपासना पर्व बना सर्जिकल स्ट्राइक — (25 सितंबर, 2016) — 140
19. सेना का हर जवान ‘भारत रत्न’ है — (अतूबर, 2016) — 145
20. भ्रष्टाचार मुत भारत का सपना अब होगा सच — (नवंबर-दिसंबर 2016) — 151
सिद्धार्थ शंकर गौतम
जन्म : 2 फरवरी, 1986, महरौनी, जिला-ललितपुर (उ.प्र.)।
शिक्षा : एम.ए. (जनसंचार)।
संप्रति : लेखक/विचारक । देश के विभिन्न समाचार-पत्रों में 1000 से अधिक लेखों का प्रकाशन।
पूर्व प्रकाशित पुस्तकें : ‘वैचारिक द्वंद्व’, ‘लोकतंत्र का प्रधान सेवक’ एवं ‘राष्ट्रभावना का जाग्रत् प्रहरी संघ, सामाजिक चेतना का अग्रदूत: मन की बात, सनातन संस्कृति का महापर्व: सिंहस्थ, श्रद्धेय, स्वराज का शंखनाद: एकल अभियान, संघ: राष्ट्र भावना का जाग्रत प्रहरी, सेवा संघस्य भूषणम् अन्य
दूरभाष : 09424038801
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ईमेल: vaichaariki@gmail.com