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‘मनुस्मृति’ सामाजिक व्यवस्था, विधि, न्याय एवं प्रशासन-तंत्र पर विश्व की प्राचीनतम पुस्तक है, जो विद्वान् महर्षि मनु द्वारा संस्कृत की पद्यात्मक शैली (श्लोकों) में लिऌा गई है। इस ग्रंथ में मनु ने तत्कालीन समाज में प्रचलित कुरीतियों एवं मनुष्य के स्वभाव का अति सूक्ष्म परिवेक्षण कर मानव-समाज को सुव्यवस्थित, सुऌखी, स्वस्थ, संपन्न, वैभवशाली एवं सुरक्षित बनाने हेतु विविध नियमों का प्रावधान किया है, ताकि नारी व पुरुष, बच्चे व बुजुर्ग, विद्वान् व अनपढ़, स्वस्थ व विकलांग, संपन्न व गरीब, सभी सऌमान एवं प्रतिष्ठा के साथ रह सकें तथा समाज और देश की चतुर्मुऌा उन्नति में अपना प्रशंसनीय योगदान करने में सफल हों।
मनुस्मृति किसी धर्म विशेष की पुस्तक नहीं है। यह वास्तव में मानव-धर्म की पुस्तक है तथा समाज की तत्कालीन स्थिति से परिचित कराती है। समाज की सुव्यवस्था हेतु मनुष्यों के लिए जो नियम अथवा अध्यादेश उपयुत समझे, मनु ने इस मानव-धर्म ग्रंथ में उनका विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया है। इसमें मानवाधिकारों के संरक्षण पर अनेक श्लोक हैं। मनुस्मृति में व्यतियों द्वारा प्राप्त ज्ञान, उनकी योग्यता एवं रुचि के अनुसार उनके कर्म निर्धारित किए गए हैं तथा कर्मानुसार ही प्रत्येक व्यति के अधिकारों, कर्तव्यों, उारदायित्वों एवं आचरणों के बारे में स्पष्ट मत व अध्यादेश अंकित हैं।
सरल-सुबोध भाषा में समर्थ-सशत-समरस समाज का मार्ग प्रशस्त करनेवाला ज्ञान-संपन्न ग्रंथ।
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अनुक्रम
प्रस्तावना—7
कृतज्ञता ज्ञापन—11
1. मनुस्मृति का परिचय—15
2. वर्ण-व्यवस्था—39
3. मनु और नारी—71
4. मनु की मानवता—94
5. गुरुकुल में शिक्षा—103
6. अपराध एवं दंड—115
7. प्रशासनिक तंत्र—127
8. मनुस्मृति में आचार-व्यवहार—137
उपसंहार—159
जन्म : 6 अतूबर, 1929 को राजस्थान के कस्बा डीग में।
शिक्षा : एम.एससी. (भौतिक विज्ञान) आगरा कॉलेज, आगरा।
कृतित्व : पढ़ाई के उपरांत सरकारी सेवा में नियुति पाई, 28 वर्ष की सेवा में 6 पदोन्नतियाँ प्राप्त, अंत में पुलिस रेडियो सेवा के शीर्षस्थ पद ‘निदेशक’ से सेवानिवृत्ति के बाद शैक्षिक क्षेत्र में लगभग 17 वर्ष तक निजी संस्थानों में विभागाध्यक्ष तथा प्रोफेसर के पद पर नियुत रहे।
सम्मान : सेवा के दौरान सराहनीय सेवाओं हेतु राष्ट्रपति मेडल, मुयमंत्री का उत्कृष्ट सेवा का साइटेशन व पुरस्कार, एशियन गेम्स, 1982 के आयोजन में प्रशंसनीय योगदान हेतु मेडल एवं प्रशंसा-पत्र।
इंजीनियरिंग से संबंधित तीन पाठ्य पुस्तकें प्रकाशित। 81 वर्ष की आयु में ‘ऑडियो एवं वीडियो सिस्टम’ (हिंदी में), फिर ‘फूल काँटे’ पुस्तक लिखी, तत्पश्चात् ‘मनुस्मृति और आधुनिक समाज’, जो पाठकों के सम्मुख है।