Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Marang Gomke Jaipal Singh Munda   

₹450

In stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Ashwini Kumar ‘Pankaj’
Features
  • ISBN : 9789353223533
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Ashwini Kumar ‘Pankaj’
  • 9789353223533
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2021
  • 184
  • Hard Cover
  • 250 Grams

Description

कौन थे जयपाल सिंह मुंडा? इनका भारतीय स्वतंत्रता और नए भारत के निर्माण में राजनीतिक-बौद्धिक योगदान क्या था? वे जिस आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, उसकी आकांक्षाएँ क्या थीं? इस बारे में आजादी के सत्तर साल बाद भी इतिहास चुप है। एक तरफ गांधी-नेहरू, जिन्ना, अंबेडकर सहित अनेक राजनीतिज्ञों पर सैंकड़ों पुस्तकें हैं, पर जयपाल सिंह मुंडा पर एक भी नहीं है। यह कितनी हैरत की बात है कि झारखंड आंदोलन में कूदने से पहले और देश के संविधान निर्माण सभा में लाखों आदिवासियों के लिए निडरता से दहाड़नेवाले जिस आदिवासी ने देश के लिए आई.सी.एस. छोड़ी, जिसकी कप्तानी में भारत ने पहला हॉकी का ओलंपिक स्वर्ण जीता, जिसने अफ्रीका और भारत के कॉलेजों में अध्यापन के दौरान अपनी शिक्षकीय योग्यता से प्रभु वर्ग को प्रभावित किया, जो गुलाम भारत में किसी ब्रिटिश कंपनी में सर्वोच्च पद पर काम करनेवाला पहला भारतीय (वह भी आदिवासी) था, जिससे पढ़ने के लिए भारत के राजा-रजवाड़े लालायित रहते 
थे, जो ऑक्सफोर्ड से अर्थशास्त्र में गोल्डमेडलिस्ट था, हॉकी में एकमात्र भारतीय ‘ऑक्सफोर्ड ब्लू’ खिलाड़ी था और जो कॉलेज के दिनों में विभिन्न सभा-सोसायटियों का नेतृत्वकर्ता संयोजक-अध्यक्ष था, उसे इस लायक भी नहीं समझा गया कि उसकी चर्चा हो।
—इसी पुस्तक से

____________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

अनुक्रम

जोहार आदिवासी, जोहार जयपाल —Pgs. 7

जयपाल सिंह मुंडा " तारीखवार —Pgs. 11

जयपाल सिंह मुंडा पर प्रकाशित-अप्रकाशित सामग्री —Pgs. 21

जयपाल सिंह मुंडा " प्रमुख उपलब्धियाँ —Pgs. 23

मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा —Pgs. 29

आरंभिक जीवन (टकरा-राँची, 1903-1918) —Pgs. 35

प्रवासी जीवन (ऑक्सफोर्ड, 1919-1928) —Pgs. 42

पुनर्वापसी (भारत, 1929-1970) —Pgs. 47

​ खिलाड़ी जयपाल —Pgs. 93

आदिवासियत का राजनैतिक दार्शनिक और निर्माता तथा  उसकी कमजोरियाँ, उपलब्धियाँ —Pgs. 101

जोमो और जयपाल —Pgs. 133

संदर्भ एवं स्रोत —Pgs. 138

परिशिष्ट-एक —Pgs. 145

निरंकुशता से स्वतंत्रता पाने के संघर्ष में हम सभी  आदिवासी एक हैं —Pgs. 147

आदिवासी इस देश के प्रथम नागरिक हैं —Pgs. 153

‘आदिवासी सकम’ और मैं  —Pgs. 158

परिशिष्ट-दो —Pgs. 161

The Author

Ashwini Kumar ‘Pankaj’

अश्विनी कुमार ‘पंकज’
1964 में जन्म। डॉ. एम.एस. ‘अवधेश’ और दिवंगत कमला की सात संतानों में से एक। कला स्नातकोत्तर। सन् 1991 से जीवन-सृजन के मोर्चे पर वंदना टेटे की सहभागिता। अभिव्यक्ति के सभी माध्यमों—रंगकर्म, कविता-कहानी, आलोचना, पत्रकारिता, डॉक्यूमेंट्री, प्रिंट और वेब में रचनात्मक उपस्थिति। झारखंड व राजस्थान के आदिवासी जीवनदर्शन, समाज, भाषा-संस्कृति और इतिहास पर विशेष कार्य। उलगुलान, संगीत, नाट्य दल, राँची के संस्थापक संगठक सदस्य। सन् 1987 में ‘विदेशिया’, 1995 में ‘हाका’, 2006 में ‘जोहार सहिया’ और 2007 में ‘जोहार दिसुम खबर’ का संपादन-प्रकाशन। फिलहाल रंगमंच एवं प्रदर्श्यकारी कलाओं की त्रैमासिक पत्रिका ‘रंगवार्त्ता’ का संपादन-प्रकाशन।
अब तक ‘पेनाल्टी कॉर्नर’, ‘इसी सदी के असुर’, ‘सालो’ और ‘अथ दुड़गम असुर हत्या कथा’ (कहानी-संग्रह); ‘जो मिट्टी की नमी जानते हैं’ और ‘खामोशी का अर्थ पराजय नहीं होता’ (कविता-संग्रह); ‘युद्ध और प्रेम’ और ‘भाषा कर रही है दावा’ (लंबी कविता); ‘अब हामर हक बनेला’ (हिंदी कविताओं का नागपुरी अनुवाद); ‘छाँइह में रउद’ (दुष्यंत की गजलों का नागपुरी अनुवाद); ‘एक अराष्ट्रीय वक्तव्य’ (विचार); ‘रंग बिदेसिया’ (भिखारी ठाकुर पर सं.); ‘उपनिवेशवाद और आदिवासी संघर्ष’ (सं.); ‘आदिवासीडम’ (सं. अंग्रेजी); आदिवासी गिरमिटियों पर ‘माटी माटी अरकाटी’ तथा आजीवक मक्खलि गोशाल के जीवन-संघर्ष पर केंद्रित मगही उपन्यास ‘खाँटी किकटिया’ प्रकाशित।
संपर्क : akpankaj@gmail.com

 

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW