₹250
किसी भी दर्शक के बैठने या खड़े होने की कोई जगह खाली न थी। जामुनी और सफेद रोएँवाले वस्त्रों में सजा कानराड प्रधानमंत्री की कुरसी पर बैठा था। उसके दोनों ओर राज्य के प्रधान न्यायाधीश बैठे थे। बूढ़े ड्यूक ने सख्त हिदायत दी थी कि उनकी बेटी का मुकदमा बिना किसी रियायत के सुना जाए। उसके बाद दिल टूट जाने की वजह से उन्होंने बिस्तर पकड़ लिया था। अब वह चंद दिनों के ही मेहमान थे। बेचारे कानराड ने बहुत मिन्नतें कीं कि उसे अपनी ही बहन के अपराध का मामला सुनने से मुक्त किया जाए, लेकिन उसकी बात नहीं मानी गई।
उसे यह देखकर बहुत दुःख पहुँचा कि लोगों को पहले उसमें जो दिलचस्पी थी, वह कितनी तेजी से खत्म हो गई थी। लेकिन उसे काम तो चाहिए था। लिहाजा अपमान का घूँट पीकर काम की तलाश में भटकता रहा। आखिरकार उसे ईंटें ढोने का काम मिल गया तो उसने अपने भाग्य को धन्यवाद दिया। अब न कोई उसका परिचित था, न उसकी परवाह करता था। वह जिन नैतिक संगठनों को चंदा दिया करता था, अब वहाँ अपना सहयोग निभाने लायक नहीं रहा था। अतः उसका नाम उन सूचियों में से भी हटा दिया गया और उसे यह पीड़ा भी सहन करनी पड़ी।
—इसी संग्रह से
प्रसिद्ध कथाकार मार्क ट्वेन की रोचक-पठनीय-लोकप्रिय कहानियों का संकलन।
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अनुक्रम
1. मध्यकालीन रोमांस — Pgs. 7
2. नेक छोटे लड़के की कहानी — Pgs. 17
3. एक मुकदमा — Pgs. 24
4. मैकविलियम परिवार की आप बीती — Pgs. 32
5. एडवर्ड मिल्स और जॉर्ज बेंटन की कहानी — Pgs. 42
6. आदमी, जो गैडबी में रहा — Pgs. 51
7. विचित्र अनुभव — Pgs. 58
8. मरते आदमी का पाप स्वीकरण — Pgs. 95
9. प्रोफेसर की कहानी — Pgs. 117
10. भाग्य — Pgs. 125
11. कैलिफोर्नियावासी की कहानी — Pgs. 131
12. दस लाख पाउंड का बैंक नोट — Pgs. 141
अमेरिका में जन्मे विश्वप्रसिद्ध लेखक मार्क ट्वेन (जन्म 30 नंवबर, 1835) एक सफल व्यवसायी, प्रकाशक व लेक्चरर थे। अपनी विशिष्ट हास्य-विनोद से परिपूर्ण चुटीली शैली में उन्होंने अनेक लोकप्रिय रचनाएँ लिखीं, जिनमें ‘द एडवेंचर्स ऑफ टॉम सॉवर’ व ‘एडवेंचर्स ऑफ हकलबरी फिन’ प्रमुख हैं। वे प्रारंभ में अखबार के लिए भी नियमित लेखन करते थे। मार्क ट्वेन ने एक प्रिंटिंग प्रेस में टाइपसेटर के रूप में काम किया, रिवरबोट चलाई, शेयर मार्किट में भी खूब पैसा कमाया और गँवाया।
स्मृतिशेष : 21 अप्रैल, 1910।