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धूप, हवा, बारिश और बर्फ—ये सब मौसम के ही अलग-अलग रूप होते हैं। मौसम हम सबके जीवन को प्रभावित करता है, इसलिए हमारे जीवन में इसका बहुत महत्त्व है। पृथ्वी पर तापवृद्धि के फलस्वरूप उन्मुक्त हुई सामान्य और प्रचंड मौसमी स्थितियाँ तबाही का कारण बन रही हैं। बाढ़ की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ बाढ़ पीडि़तों की संख्या में बढ़ोतरी भी चिंता का विषय है। मौसम के भीषण बदलाव नाना प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं का कारण बनते हैं। इसी कारण मनुष्य अनादि काल से मौसम में होनेवाले बदलाव को जानने की एवं इसका पूर्वानुमान लगाने की जिज्ञासा अपने अंदर सँजोए रहा है। मौसम विज्ञान के क्षेत्र में बहुआयामी प्रगति होने के बावजूद एक आम नागरिक इन विकासों एवं संबंधित जानकारियों से संभवतः पूर्ण रूप से परिचित नहीं है। इसी उद्देश्य से मौसम विज्ञान जैसे महत्त्वपूर्ण विषय को सरल भाषा में इस पुस्तक में समेकित करने का प्रयास किया गया है। आशा है, यह पुस्तक अपने उद्देश्य की प्राप्ति में सफल होगी।
डॉ. निलय खरे
समुद्र भू-वैज्ञानिक हैं। कंप्यूटर में डिप्लोमा, फ्रांसीसी भाषा में प्रवीणता एवं मानव संसाधन प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त। नाना प्रकार की मेरिट छात्रवृत्तियों से सम्मानित। समुद्रीय/ध्रुवीय विज्ञान के क्षेत्र में लगभग 23 वर्षों का अनुभव। इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन का ‘युवा वैज्ञानिक पुरस्कार’, कैंब्रिज विश्वविद्यालय में उच्च शोध हेतु बॉयसकास्ट फेलोशिप प्राप्त। इनके अतिरिक्त शोध के लिए भारत ज्योति पुरस्कार सहित अनेक संस्थानों द्वारा सम्मानित। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में सौ से अधिक वैज्ञानिक लेख प्रकाशित। अनेक हिंदी एवं अंग्रेजी पुस्तकों का लेखन एवं संपादन। संप्रति पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में निर्देशक स्तर के वैज्ञानिक।