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मीडिया के क्षेत्र में बीसवीं शताब्दी के अंतिम दशक में एक विषय और एक व्यवसाय दोनों ही दृष्टियों से अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। अब यह प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रसारण, जनसंपर्क, विज्ञापन तथा परंपरागत मीडिया जैसे प्रचलित रूपों में ही सीमित नहीं रहा है। उद्योग में दिन-दूनी रात-चौगुनी प्रगति के साथ ही कॉरपोरेट संचार तथा इंटरनेट पत्रकारिता के साथ-साथ कुछ नए मीडिया क्षेत्र भी अस्तित्व में आए हैं। परिणामस्वरूप कई ऐसे नए व्यवसायों का अभ्युदय हुआ है, जो पूर्व में नहीं थे।
वर्तमान दौर में भारतीय परिप्रेक्ष्य में मीडिया को लेकर आमूलचूल परिवर्तन हुए हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो यह दौर मीडिया के क्षेत्र में क्रांति का दौर है।
मीडिया अथवा जनसंचार के क्षेत्र में इसके शैक्षिक पाठ्यक्रमों व इतिहास आदि विषयों पर तो कई पुस्तकें उपलब्ध हैं, जबकि इस क्षेत्र में प्रवेश के इच्छुक नवागंतुकों हेतु पुस्तकों का नितांत अभाव है। इस अभाव को देखते हुए तथा पत्रकारिता (इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट दोनों) में अपने स्वर्णिम भविष्य की राह तलाश रहे युवक-युवतियों की जरूरतों को ध्यान में रखकर इस पुस्तक की रचना की गई है। इसमें प्रस्तुत अध्यायों को तीन खंडों में विभक्त किया गया है, ताकि विषय की तह तक पहुँचने में सुगमता रहे।
पुस्तक को अधिक उपयोगी व नयनाभिराम स्वरूप प्रदान करने के लिए सुंदर व कलात्मक चित्रों का उपयोग किया गया है, जिससे पाठकों को विषय को आत्मसात् करने में सुविधा हो।
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अनुक्रम
प्रथम खंड
प्रिंट मीडिया
1. समाचार-पत्र एवं पत्रिकाएँ — Pgs. 21
2. फिल्म पत्रकारिता — Pgs. 30
3. फोटोग्राफी — Pgs. 34
4. क्रिप्ट लेखन — Pgs. 44
5. अनुवाद कार्य — Pgs. 50
6. पुस्तक प्रकाशन — Pgs. 55
7. प्रूफ रीडिंग — Pgs. 61
8. संपादन — Pgs. 68
9. कार्टूनिस्ट — Pgs. 73
द्वितीय खंड
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया
1. संचार क्रांति का दौर — Pgs. 79
2. रेडियो — Pgs. 86
3. रेडियो पत्रकारिता — Pgs. 96
4. टेलीविजन — Pgs. 102
5. दूरदर्शन के कार्यक्षेत्र — Pgs. 108
6. टी.वी. तकनीशियन — Pgs. 121
7. स्पेशल इफेक्ट्स — Pgs. 124
8. समाचार वाचन — Pgs. 128
9. एंकरिंग — Pgs. 135
10. टी.वी. पत्रकारिता — Pgs. 141
11. मल्टीमीडिया — Pgs. 152
12. एनिमेशन — Pgs. 156
13. फिल्म निर्माण — Pgs. 161
14. वीडियोग्राफी — Pgs. 164
तृतीय खंड
मीडिया से संबंधात अन्य क्षेत्र्
1. विज्ञापन — Pgs. 173
2. जनसंपर्क — Pgs. 182
3. लाइब्रेरी — Pgs. 193
प्रो. पुष्पेंद्र कुमार आर्य पत्रकार, लेखक एवं कैरियर मार्गदर्शक के रूप में विख्यात हैं। लगभग सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में आपकी दो हजार से अधिक रचनाएँ तथा विविध महत्त्वपूर्ण विषयों पर पच्चीस से भी अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से एम.ए. (राजनीति-शास्त्र), कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से पत्रकारिता एवं जनसंचार में पी.जी. डिप्लोमा तथा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला के ‘अंतरराष्ट्रीय अध्ययन केंद्र’ से प्रथम श्रेणी में ‘मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन’ की डिग्री के बाद आप ‘महात्मा गांधी का पत्रकार जीवन’ विषय पर शोध कार्य में संलग्न हैं। देश के विविध राष्ट्रीय समाचार पत्र-पत्रिकाओं के संपादकीय विभाग में आप शीर्षस्थ पदों पर कार्य कर चुके हैं। सृजनात्मक लेखन एवं उल्लेखनीय रचनात्मक प्रतिभा के लिए आपको विविध पुरस्कारों व सम्मानों से विभूषित किया जा चुका है। इनमें ‘इंटरनेशनल वोकेशनल अवार्ड’; विश्व शांति आंदोलन ट्रस्ट, मुंबई द्वारा ‘राष्ट्र गौरव सम्मान’; अमेरिकन बायोग्राफिकल इंस्टीट्यूट, इंक, कैरोलीना (अमेरिका) द्वारा ‘मैन ऑफ द ईयर-2003’; हिंदी संगठन, मॉरीशस का ‘हिंदी सम्मान’; ओरिएंटल कल्चरल अकादमी, बैंकॉक (थाईलैंड) द्वारा ‘इंस्टीट्यूट अवार्ड’; सल्तनत ऑफ ओमान के ‘निशान-ए-मस्कट’ एवं यूनिवर्सिटी ऑफ मीडिया आर्ट्स, नोएडा के ‘अकादमी अवार्ड’ के अतिरिक्त भारत सरकार के कल्याण मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा प्रदत्त सम्मान प्रमुख हैं।