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Mera Akash, Mere Dhoomketu   

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Author Harish Pathak
Features
  • ISBN : 9788119032631
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Harish Pathak
  • 9788119032631
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2024
  • 232
  • Soft Cover
  • 250 Grams

Description

"इस पुस्तक का मूलाधार है यादें- सिर्फ और सिर्फ यादें। वे यादें, जो जीवन के हर मोड़ पर एक जरूरी सवाल की तरह उभरती हैं। वे यादें, जिनमें दर्ज है वह अतीत, जो उस रास्ते का गवाह है, जहाँ मैं पैदल चला नंगे पाँव बगैर किसी पग-बाधा के। इन्हीं रास्तों पर चलकर उन शिखर-पुरुषों से मिला, जो कविता, कहानी, उपन्यास, गजल, नवगीत, फिल्म, पत्रकारिता, रंगमंच, कवि सम्मेलन, संपादन, राजनीति और समाज के नायक थे और रहेंगे।

वे डॉ. धर्मवीर भारती हैं, वीरेंद्र मिश्र हैं, वनमाला हैं, मोतीलाल वोरा हैं, नारायण दत्त हैं, कमलेश्वर हैं, सागर सरहदी हैं, गणेश मंत्री हैं, सुदीप हैं, चित्रा मुद्गल हैं, राजेंद्र शर्मा हैं, निदा फाजली हैं, नरेंद्र कोहली हैं, पद्मा सचदेव हैं, ओम प्रभाकर हैं, अनिल धारकर हैं, बंसी कौल हैं और हैं प्रदीप चौबे, जहीर कुरैशी, आलोक तोमर, कैलाश सेंगर, दिनेश तिवारी जैसे मेरे अपने, जिनके संग-साथ मैं कल रो सका और आज भी रो रहा हूँ।

यादों का यह सघन वन हमें उस सकारात्मक ऊर्जा के पुंज के पास भी खड़ा कर देता है, जो ताउम्र हमें उनके होने और पास रहने का अहसास दिलाता है। यह मतिभ्रम भी हो सकता है।

- इसी पुस्तक से"

The Author

Harish Pathak

जन्म : 20 दिसंबर, 1957 को ग्वालियर (म.प्र.) में।
कृतित्व : ‘सरेआम’, ‘गुम होता आदमी’ (कहानी संग्रह), ‘त्रिकोण के तीनों कोण’ (पत्रकारिता) पुस्तकें प्रकाशित। ग्वालियर के दैनिक ‘स्वदेश’ से पत्रकारिता की शुरुआत। ‘मुक्‍ता’, ‘धर्मयुग’ से संबद्ध रहे। ‘कुबेर टाइंस’ (मुंबई संस्करण) के कार्यकारी संपादक, दैनिक ‘हिंदुस्तान’ (भागलपुर संस्करण) के समन्वय संपादक, ‘एकता चक्र’ व ‘पूर्णविराम’ (नवभारत समूह) के संपादक रहे।
‘हिंदी कहानी कोश’, ‘आठवें दशक के कहानीकार’, ‘अस्पताल की कहानियाँ’, ‘त्रासद प्रेम कथाएँ’ संग्रहों में कहानियाँ शामिल। पुणे विश्‍वविद्यालय से ‘हरीश पाठक कृत गुम होता आदमी : एक अनुशीलन’ पर एम.फिल.।
सम्मान-पुरस्कार : ‘धर्मयुग’ में प्रकाशित स्तंभ ‘सुर्खियों के पीछे’ के लिए उ.प्र. सरकार का गणेशशंकर विद्यार्थी पुरस्कार। एक सौ दस कड़‌ियों में प्रसारित धारावाहिक ‘जन-गण-मन’ और साठ कड़‌ियों में प्रसारित ‘पोल टाइंस’ का लेखन।
संप्रति : ‘राष्‍ट्रीय सहारा’ (पटना संस्करण) के स्थानीय संपादक।

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