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Mera Jeevan

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Author Helen Keller
Features
  • ISBN : 9789380186399
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Helen Keller
  • 9789380186399
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2024
  • 128
  • Hard Cover
  • 270 Grams

Description

वर्ष 1890 के वसंत में मैंने बोलना सीखा। मेरे अंदर हमेशा यह इच्छा उमड़ती रहती थी कि मैं श्रव्य ध्वनियाँ मुँह सेनिकाल सकूँ। मैँ एक हाथ अपने गले पर रखकर शोर किया करती थ्‍ज्ञी और दूसे हाथ से अपने होंठों का चलना महसूस करती थी। मुझे शोर करनेवाली हर चीज पसंद थी और बिल्ली का घुरघुराना तथा कुत्ते का भौंकना मुझे अच्छा लगता था। मुझे अपना एक हाथ गायक के गले पर रखना भी अच्छा लगता था। अपनी दृष्‍ट‌ि और श्रवण-शक्‍त‌ि खोने से पहले मैं बात करना जल्दी सीखने लगी थी; लेकिन मेरी बीमारीक े बाद यह पता चला कि मेरा बोलना इसलिए बंद हो गया, क्योंकि मैं सुन नहीं सकती थी। मैं सारे-सारे दिन अपनी माँ की गोद में बैठी रहती थी और अपना हाथ माँ के चेहरे पर रखे रहती थी, क्योंकि उसके होंठों की क्रिया को महसूस करने में मुझे आनंद आता था और मैं अपने होंठ भी हिलाती थी; हालाँकि मैं भूल चुकी थी कि बात करना क्या होता है।
—इसी आत्मकथा से हेलन कीलर इस रूप में प्रेरणाप्रद हैं कि बोल-सुन-देख न पाने के बावजूद उन्होंने अद‍्भुत जिजीविषा, लगन, परिश्रम व साहस के बल पर जीवन जिया—एक सार्थक जीवन। और विश्‍व को दिखा दिया कि शारीरिक अक्षमता होते हुए भी व्यक्‍त‌ि अगर ठान ले तो चुनौतीपूर्ण जीवन भी आसानी से जिया जा सकता है।विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य रखने और साहस दिखाने का अनुपम उदाहरण बनी हेलन कीलर के जीवन से हम प्रेरणा लें तो इस पुस्तक का प्रकाशन सार्थक होगा।

The Author

Helen Keller

हेलन कीलर का जन्म 27 जून, 1880 को अमेरिका में हुआ था। वे एक लेखक, राजनीतिक कार्यकर्ता व लेक्चरर थीं। वे बेचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री पानेवाली प्रथम मूक-बधिर व नेत्रहीन महिला थीं। उनकी शिक्षक एनी सुलीवन ने उन्हें इशारों से संवाद करना सिखाया। कीलर ने खूब भ्रमण किया और युद्ध के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। उन्होंने अनेक पुस्तकें लिखीं; महिलाओं के उत्‍थान, श्रमिकों के अधिकार व समाजवाद के लिए सराहनीय कार्य किए। 1 जून, 1968 को उनका स्वर्गवास हो गया।

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