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संसार में यदाकदा ऐसे बुद्धिमान व धैर्यवान् व्यक्ति का उदय होता है, जिसे नजरअंदाज करना कठिन ही नहीं, नामुमकिन होता है। श्री एन.आर. नारायण मूर्ति ऐसे ही विनम्र व्यक्ति हैं। वे एक उद्यमी, उद्यमी-नेता, समाजसेवी व परिवार-प्रिय व्यक्ति हैं। अपार सफलता पाने के बाद भी उनके पाँव जमीन पर टिके हैं। शुरुआत से ही अपने मन-मुताबिक कार्य करके वे आज इस ऊँचाई तक पहुँच सके हैं। अपने कार्यों के लिए असंख्य पुरस्कार व सराहना प्राप्त करने के बाद अब समय आ गया है कि हम उनके मूल्यवान विचारों का लाभ उठाएँ।
इस पुस्तक से आपको ऐसा दृष्टिकोण, प्रोत्साहन व महत्त्वपूर्ण प्रेरणा प्राप्त होगी, जिसके बल पर आप सफलता के पथ पर आगे बढ़ते जाएँगे। पुस्तक के प्रत्येक पृष्ठ पर आपको नारायण मूर्तिजी के सीखे सबक और वर्षों के अनुभव का खजाना प्राप्त होगा। बुद्धिमत्ता से भरी इन सभी उक्तियों में प्रकट हुआ मूर्ति के जीवन का सार हर स्वप्नदर्शी एवं महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति के लिए पथ-प्रदर्शक सिद्ध होगा।
इसलिए अपनी असफलताओं के साँचे को तोडि़ए और इस पुस्तक को पढ़कर अपने जीवन को सफल, सुखद और उज्ज्वल बनाने के मार्ग पर आगे बढि़ए।
एन.आर. नारायण मूर्ति बेंगलुरु स्थित विश्व प्रसिद्ध सॉफ्टवेयर परामर्श कंपनी इंफोसिस टेक्नॉलोजीज लिमिटेड के संस्थापक चेयरमैन हैं। वे यूनीलिवर, एच.एस.बी.सी., एन.डी.टी.वी., फोर्ड फाउंडेशन और यू.एन. फाउंडेशन के बोर्ड में शामिल हैं। कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, व्हार्टन स्कूल, सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (बेंगलुरु), इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (हैदराबाद) एवं इनसिएड के बोर्ड में भी वे सम्मिलित हैं।
‘इकोनॉमिस्ट’ पत्रिका ने 2005 में नारायण मूर्ति को विश्व के सर्वाधिक प्रशंसित दस व्यापारिक लीडर्स में रखा। 2004 से 2006 तक लगातार तीन वर्ष वे ‘इकोनॉमिक टाइम्स’ के सबसे शक्तिशली सी.ई.ओ. की सूची में शिखर पर रहे। भारत सरकार द्वारा ‘पद्म विभूषण’, फ्रांस सरकार द्वारा ‘लीजन ऑफ ऑनर’ और ब्रिटिश सरकार द्वारा ‘सी.बी.ई.’ से सम्मानित किए गए हैं। ‘अर्न्स्ट एंड यंग’स वर्ल्ड एंटरप्रिन्योर ऑफ द ईयर’ एवं ‘मैक्स श्मिडहाइनी लिबर्टी’ पुरस्कार पानेवाले वे पहले भारतीय हैं। इंडिया टुडे, बिजनेस स्टैंडर्ड, फोर्ब्स, बिजनेसवीक, टाइम, सी.एन.एन., फॉर्च्यून एवं फाइनेंशियल टाइम्स की रैंकिंग में भी उन्हें विशिष्ट स्थान प्राप्त है।
शुचिता मीतल पिछले कई वर्षों से अनुवाद के क्षेत्र से जुड़ी हैं। संप्रति स्वतंत्र लेखन व अनुवाद कार्य कर रही हैं।