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"मेरी भाव बढ़ा हरो का कथानक, नायक की आंतरिक और बाहरी संघर्षों का चित्रण करता है। यह उपन्यास पाठक को एक ऐसी यात्रा पर ले जाता है जहाँ वह अपने अस्तित्व, अधिकारों, और जीवन के उद्देश्य के बारे में सोचने पर मजबूर होता है। उपन्यास में मानवता, प्रेम, और साहस के प्रेरक संदेशों को प्रस्तुत किया गया है।
यह उपन्यास भारतीय समाज की जटिलताओं और बदलती हुई सामाजिक स्थितियों पर एक गहरा विचार करता है, और इसमें संघर्षशील नायकों के माध्यम से समाज के तमाम पहलुओं को उजागर किया गया है।"