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Meri Jail Diary    

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Author Bhagat Singh
Features
  • ISBN : 9789394871786
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Bhagat Singh
  • 9789394871786
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2024
  • 168
  • Soft Cover
  • 200 Grams

Description

"माँ भारती के अमर सपूत शहीद भगत सिंह के बारे में हम जब भी पढ़ते हैं, तो एक प्रश्न हमेशा मन में उठता है कि जो कुछ भी उन्होंने किया, उसकी प्रेरणा, हिम्मत और ताकत उन्हें कहाँ से मिली? उनकी उम्र 24 वर्ष भी नहीं हुई थी और उन्हें फाँसी पर चढ़ा दिया गया।

लाहौर (पंजाब) सेंट्रल जेल में आखिरी बार कैदी रहने के दौरान (1929-1931) भगत सिंह ने आजादी, इनसाफ, खुददारी और इज्जत के संबंध में महान् दार्शनिकों, विचारकों, लेखकों तथा नेताओं के विचारों को खूब पढ़ा व आत्मसात् किया। इसी के आधार पर उन्होंने जेल में जो टिप्पणियां लिखीं, यह जेल डायरी उन्हीं का संकलन है। भगत सिंह ने यह सब भारतीयों को यह बताने के लिए लिखा कि आजादी क्या है, मुक्ति क्या है और इन अनमोल चीजों को बेरहम तथा बेदर्द अंग्रेजों से कैसे छीना जा सकता है, जिन्होंने भारतवासियों को बदहाल और मजलूम बना दिया था।

भगत सिंह की फाँसी के बाद यह जेल डायरी भगत सिंह की अन्य वस्तुओं के साथ उनके पिता सरदार किशन सिंह को सौंपी गई थी। सरदार किशन सिंह की मृत्यु के बाद यह डायरी (भगत सिंह के अन्य दस्तावेजों के साथ) उनके (सरदार किशन सिंह) पुत्र श्री कुलबीर सिंह और उनकी मृत्यु के पश्चात् उनके पुत्र श्री बाबर सिंह के पास आ गई। श्री बाबर सिंह का सपना था कि भारत के लोग भी इस जेल डायरी के बारे में जानें। उन्हें पता चले कि भगत सिंह के वास्तविक विचार क्या थे।

भगत सिंह जोशो-खरोश से लबरेज क्रांतिकारी थे। हर भारतीय के लिए पठनीय यह जेल डायरी उनके अपूर्व साहस, राष्ट्रभक्ति और पराक्रम की झलक मात्र है।"

The Author

Bhagat Singh

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