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Author John Wood
Features
  • ISBN : 8173156654
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • John Wood
  • 8173156654
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2007
  • 264
  • Hard Cover

Description

“यह अनूठी पुस्तक है, जिसमें व्यवसाय संबंधी प्रबंधकीय अंतर्दृष्‍टि का अच्छा परिचय मिलता है। प्रत्येक क्षेत्र में कार्यरत व्यक्‍ति इसे पढ़ने के लिए आकर्षित और प्रेरित होता है।
—पब्लिशर्स वीकली
(पुस्तकों की अंतरराष्‍ट्रीय पत्रिका)
“जॉन वुड की यह गाथा विश्‍वप्रसिद्ध ‘माइक्रोसॉफ्ट’ कंपनी के वरिष्‍ठ अधिकारी से जीवन के नए मोड़ तक आने का रोचक वृत्तांत है, जहाँ उनका लक्ष्य विश्‍व भर के लाखों बच्चों को शिक्षा का अमूल्य उपहार देना है।”
—मार्क एंड्रीसन
(सह-संस्थापक, नेटस्केप कम्युनिकेशन)
माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी और प्रतिष्‍ठित कंपनी के एशिया प्रभारी के रूप में जॉन वुड ने जो कुछ सीखा उसका उपयोग लाखों बच्चों को शिक्षित करने हेतु किया। उन्होंने सुदूर नेपाली स्कूल में भ्रमण के दौरान देखा कि वहाँ पुस्तकालयों में बच्चों के लिए बहुत कम पुस्तकें हैं। जब उन्होंने उस स्कूल को पुस्तकें देने का प्रस्ताव रखा तो उनके इस प्रस्ताव पर किसी को विश्‍वास नहीं हो रहा था। लेकिन जॉन वुड याक की पीठ पर हजारों पुस्तकें लादकर उस स्कूल में लौटे। और तभी उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट कंपनी छोड़कर ‘रूम टू रीड’ संगठन बनाने का फैसला लिया। अब तक इस संगठन ने 13 लाख से अधिक पुस्तकें दान की हैं; 3,500 से अधिक पुस्तकालय, 300 स्कूल तथा 120 कंप्यूटर लैबोरेटरी सहित 2,400 लड़कियों को छात्रवृत्ति देकर शिक्षित करने का महत्त्वपूर्ण कार्य किया है। अंतत: इस संगठन ने 12,00,000 बच्चों को शिक्षा का अमूल्य उपहार दिया, उनके जीवन में ज्ञान का दीप जलाया।
माइक्रोसॉफ्ट के वैभव एवं समृद्धि को छोड़कर त्याग व सेवा की उत्कट भावना और दुनिया के लाखों बच्चों को शिक्षित करने का महान् उद‍्देश्य लिये अग्रसर एक अनुकरणीय व्यक्‍तित्व की पठनीय एवं संग्रहणीय जीवन गाथा।

The Author

John Wood

अमेरिका के प्रतिष्‍ठित कैलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एम.बी.ए. करने के बाद जॉन वुड ने सन् 1991 में विश्‍वप्रसिद्ध सॉफ्टवेयर कंपनी ‘माइक्रोसॉफ्ट’ में जाने से पहले कई वर्षों तक बैंकिंग क्षेत्र में कार्य किया। परिश्रम और दृढ़ संकल्प के बल पर आप सफलता की सीढि़याँ चढ़ते गए। आपको ऑस्ट्रेलिया तथा चीन में महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स के लिए भेजा गया। चीन में माइक्रोसॉफ्ट के बिजनेस डेवलपमेंट निदेशक के रूप में कार्य करते समय आपके जीवन का लक्ष्य ही बदल गया। अब आपका ध्यान बच्चों की मदद करने तथा गरीबी के दायरे को तोड़कर बच्चों को शिक्षा का अमूल्य उपहार देने पर केंद्रित हो गया।
सन् 2000 में आपने ‘रूम टू रीड’ नामक संगठन की स्थापना की, ताकि भारत, नेपाल, श्रीलंका, कंबोडिया, लाओस, वियतनाम और अफ्रीका में साक्षरता को बढ़ावा मिले। आप वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा ‘यंग ग्लोबल लीडर’ पुरस्कार एवं अंतरराष्‍ट्रीय पत्रिका ‘टाइम’ द्वारा ‘एशिया हीरो अवार्ड’ से सम्मानित हैं। जब आप फंड इकट्ठा करने के लिए भ्रमण नहीं करते तथा ‘रूम टू रीड’ से जुड़े देशों की यात्रा पर नहीं होते तो सैन फ्रांसिस्को में रहते हैं।
जॉन वुड एवं उनके संगठन ‘रूम टू रीड’ के बारे में अधिक जानकारी के लिए निम्न वेबसाइट पर संपर्क किया जा सकता है—
www.roomtoread.org
www.leavingmicrosoftbook.com

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