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आनन्दमूर्ति गुरुमाँ संपूर्णता की परिभाषा हैं। स्वयं प्रेम, करुणा, आनंद और दयालुता का प्रत्यक्षीकरण होने के साथ-साथ आधुनिक दृष्टिकोण से सुसज्जित आपके ज्ञानपूर्ण प्रवचन हर जिज्ञासु के लिए अध्यात्म के नवीन मार्ग खोल देते हैं। आपकी ओजपूर्ण आभा के परिणामस्वरूप सहज ही आंतरिक शांति व आत्मानुभूति का वातावरण तैयार हो जाता है। आपका प्रेमभरा व्यक्तित्व व आपके द्वारा दिए गए जीवन को सुंदरतम ढंग से जीने के सूत्र, हर मानव को प्रेम व अध्यात्म की ज्ञान ऊर्जा से आपूरित कर देते हैं।
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अनुक्रम
1. मन कहाँ है? — 7
2. क्या आप अपने मन की आयु जानते हैं? — 28
3. आपके पास एक नहीं, बहुत सारे मन हैं — 52
4. अपने मन की दुर्दशा के लिए आप खुद ज़िम्मेदार हैं — 76
5. आप कौन हैं? — 104
6. रमन्ति इति रामः — 126
7. यह मृत्यु-घंटा किसके लिए बज रहा है? — 155
प्रज्ञापूर्ण प्रवचन प्रवाह
गुरुमाँ एक ऐसी हृदयस्पर्शी सद्गुरु हैं, जिन्होंने अपने समकालिक ज्ञानसूत्रों से समस्त मानव-जाति व संपूर्ण जगत् का अध्यात्म की नवीन परिभाषा से परिचय कराया है। आपने आध्यात्मिक अंतर्जगत् को सांसारिक बाह्य जगत् से इस प्रकार जोड़ा है, जिससे आधुनिक मानव आपके द्वारा बताए गए सूत्रों को आसानी से ग्रहण कर पाता है। आपके द्वारा प्रदत्त जीवनोपयोगी, सहज व आंदोलनकारी आध्यात्मिक सूत्र एक नई चेतना व जागरूकता की नींव रखते हैं, जिसमें जीवन का हर पहलू समाहित है।
अपने प्रवचनों द्वारा आपने विविध संतों के रहस्यमयी जीवन और उनके संदेशों को उजागर किया है। हिंदू, बौद्ध, सिक्ख और सूफी दर्शनशास्त्रों पर आपके गहन और ज्ञानपूर्ण प्रवचन, अतीव सुंदर और समझने में आसान हैं। स्वयं एक श्रेष्ठतम कवि होने के साथ-साथ आपने मेवलाना जलालुद्दीन रूमी, बाबा बुल्लेशाह, बाबा फरीद, कबीर, श्रीगुरु नानकदेव आदि विभिन्न संतों के रहस्यमयी काव्यों को बेहद खूबसूरती से लिखित व संगीतमयी रूप में प्रस्तुत किया है।
आनंददायक ध्यान-विधियों के सृजनकर्ता
ध्यान के गुह्यतम रहस्यों को जनसाधारण हेतु प्रकट करने के लिए आनन्दमूर्ति गुरुमाँ ने अनेक शक्तिशाली ध्यान-विधियों की संरचना की है, जो अपनाने में सरल व सुबोध हैं। ध्यान एक ऐसा मार्ग है, जो सभी मानसिक क्लेशों से दूर आंतरिक परमानंद और परम विश्रांति का अनुभव कराता है। गुरुमाँ सभी धर्मों और मान्यताओं की परिधि व भेदभावों से परे हैं। इसलिए उनके द्वारा रचित ध्यान-विधियों में, पूर्वी देशों के प्राचीनतम गूढ़ ज्ञान व पश्चिमी देशों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण का अद्भुत समन्वय, हर जिज्ञासु को अद्वितीय अनुभूति देता है और यदि इन विधियों का अभ्यास एक संबुद्ध सद्गुरु के दिव्य सान्निध्य में किया जाए तो उसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए देश-विदेश में उनके द्वारा ध्यान-साधना शिविरों का आयोजन उनकी अपार करुणा का ही सूचक है।
सामाजिक कुरीतियों का खंडन
गहनतम प्रज्ञा, परोपकारिता और सर्वजन कल्याणकारिता से ओतप्रोत आनन्दमूर्ति गुरुमाँ, संपूर्ण मनुष्य जाति के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं। 1999 में आपके मार्गदर्शन में प्रारंभ किए गए ‘मिशन शक्ति’ द्वारा आप नारी जाति को अपनी सुप्त शक्तियों को जाग्रत कर आत्मसम्मान से जीवन जीने के लिए निरंतर अभिप्रेरित कर रही हैं। ‘मिशन शक्ति’ का ध्येय ही है अल्प सुविधा प्राप्त कन्याओं को शिक्षा के शस्त्रों से सशक्त बनाना, जिससे वे स्वावलंबी और आत्मविश्वासी बनें। इसके साथ-साथ ‘मिशन शक्ति’ इस पुरुष-प्रधान समाज में कन्या भ्रूण हत्या, महिला उत्पीड़न, दहेज-प्रथा एवं नारी जाति पर हो रहे अन्य अत्याचारों के विरुद्ध, समाज में जागरूकता का प्रसार भी कर रहा है। अधिक जानकारी के लिए लॉग ऑन करें— www.gurumaa.com पर।
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