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"यूपीएससी की तैयारी के दौरान हमारे मन में उठने वाले सभी प्रश्नों के उत्तर इस पुस्तक में शामिल हैं। अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर मैंने कुछ विषयों और तैयारी के तरीकों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। पुस्तक को अलग-अलग अध्यायों में बांटा गया है, इन अध्यायों में 'यूपीएससी से पहले का समय' से जुड़े कुछ प्रश्न हैं यानि कि जब मैं कोटा और अपने विश्वविद्यालयी जीवन से एक साल का ब्रेक लेने के बाद भी आईआईटी में फेल हो गया था, जहाँ मैं निश्चित नहीं था कि जिंदगी मुझे कहाँ ले जाएगी; यूपीएससी के दौरान यानि जब मैं यूपीएससी की तैयारी कर रहा था और 'यूपीएससी के बाद' जहाँ मसूरी और हैदराबाद की अकादमियों तथा सिविल सेवकों की जिंदगी से संबंधित सामान्य प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं।
मैं आरंभ में ही इस बात का खंडन करता हूँ कि यह पुस्तक यूपीएससी पाठ्यक्रम के किसी भी हिस्से को कवर करती है। यह पुस्तक केवल यूपीएससी तथा जीवन के अन्य संघर्षों हेतु आपकी रणनीति तथा तरीकों के बारे में संदेश देने और आपकी सहायता के लिए है।
मैं पाठकों को सलाह देना चाहूँगा कि वे इस पुस्तक को केवल “जानकारी पाने के लिए' न पढ़ें बल्कि खाली समय में इस पुस्तक को पढ़ें। जब भी आप संशय में हों, उदास महसूस करें या तैयारी को बीच में ही छोड़ने की सोच रहे हों, तो यह किताब उठाए और पढ़ें। निश्चय ही कठिन समय में यह पुस्तक आपकी पसंदीदा साथी बनेगी। मेरी कुछ गलतियों से आप सीखेंगे, कुछ पलों पर आपको हँसी आएगी, इस पुस्तक को पढ़ते हुए आप स्वयं को एक सफल उम्मीदवार के रूप में देख सकते हैं।
इस पुस्तक को शुरू से अंत तक पूरा पढ़ने की कोई बाध्यता नहीं है। मुझे विश्वास है कि आप इसे किसी भी पृष्ठ से पढ़ना शुरू कर सकते हैं। चूँकि पुस्तक में मैंने अपने अनुभवों के बारे में अधिक-से-अधिक बताने की कोशिश की है इसलिए पुस्तक का आकार कुछ बड़ा हो गया है।"