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प्रस्तुत पुस्तक एक ऐसे उद्यमी की जीवनगाथा है, जिसने पंजाब के लुधियाना शहर से बीस हजार रुपए उधार लेकर व्यापार शुरू किया था और आज वह दुनिया की पाँच सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनियों में से एक का मालिक है। सफलता का पर्याय यह व्यक्ति ‘एयरटेल’ के मालिक सुनील भारती मित्तल है, जो एक जमाने में पारिवारिक व्यवसाय करते हुए ट्रकों में कपड़ा लादकर और उसी कपड़े की गाँठों के ऊपर बैठ तथा लेटकर यात्राएँ किया करते थे।
सुनील मित्तल की उन्नति का एक बड़ा राज यह है कि उन्होंने तालमेल करने और साझेदारी में व्यापार करने से कभी परहेज नहीं किया। पुश बटन के लिए उन्होंने जर्मनी की नामी सीमंस कंपनी से तकनीकी तालमेल किया था और 1990 में भारत में फैक्स मशीन बनाकर संचार-जगत् में कमाल कर दिया था।
एयरटेल अकेली ऐसी कंपनी है, जिसमें हर कर्मचारी को शेयर्स मिले हुए हैं। उद्योग समूह को अपना आदर्श माननेवाले सुनील मित्तल उद्योग-व्यापार में नवाचार करते हैं, उद्यमशीलता के नए प्रयोग करते हैं और योग-साधना भी करते हैं। कठिन परिश्रम, सही निर्णय क्षमता, दक्ष कार्य-योजना और सघन वितरण-विपणन व्यवस्था के प्रतीक सुनील भारती मित्तल की प्रेरक जीवनी, जो पाठकों को सफलता के नए शिखर छूने के लिए उन जैसा बनने के लिए प्रेरित करेगी।
एन. चोक्कन का पूरा नाम नागा सुब्रमण्यन चोक्कनाथन है। वे तमिल भाषा के जानेमाने फ्रीलांस लेखक हैं। तमिल में इनकी तीस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। विज्ञान, जीवनी एवं बाल साहित्य इनके प्रिय विषय हैं। इसके अलावा उनकी अनेक पुस्तकों का अंग्रेजी, मलयाळम, गुजराती में भाषांतर हो चुका है।तमिल की पत्र-पत्रिकाओं में इनके लेख-आलेख निरंतर प्रकाशित होते रहते हैं।संप्रति बंगलौर की एक सॉफ्टवेयर कंपनी में निदेशक के पद पर कार्यरत हैं।