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"भारतीय राजनीति उतार-चढ़ाव के एक दौर से गुजर रही है। 2014 में केवल सरकार ही नहीं बदली, बल्कि एक नई राजनीतिक व्यवस्था स्थापित करने वाली जनभावना में भी बदलाव नजर आता है। पुराने लुटियंस आभिजात्य वर्ग ने सोचा था कि 2014 में जो हुआ, वह एक राजनीतिक विचलन था या कहें कि अस्थायी बदलाव था, इसलिए 2019 उनके लिए एक झटके के रूप में सामने आया।
पिछले लगभग दस वर्षों में 25 राज्यों और 400 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 1 लाख किमी. की यात्रा करते हुए इस पुस्तक ‘मोदी 3.0 : बड़े लक्ष्य, ऊँचे आदर्श, मजबूत इरादे’ में प्राथमिक आँकड़ों के माध्यम से एक राजनीतिक और चुनाव विश्लेषण किया गया है कि 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए क्या उम्मीद की जाए। इस पुस्तक में दिए गए निष्कर्ष ‘जन की बात’ के आउटकम मॉडल के संभाव्य मानचित्र और जनवरी 2024 से मार्च 2024 तक देश भर में ‘जन की बात’ की टीम द्वारा एकत्र किए गए प्राथमिक डेटा पर आधारित हैं।
इस पुस्तक में प्रलेखित टीम के निष्कर्ष उम्मीदवारों, पार्टियों और विशिष्ट मुद्दों पर जनता की राय को दरशाते हैं, जिनका चुनाव पर असर पड़ेगा। भारतीय राजनीतिक परिदृश्य का विहंगावलोकन कर 2024 के लोकसभा चुनावों के संभावित परिणामों और दलगत प्रदर्शन पर गहन प्रकाश डालने वाली शोधपरक पठनीय पुस्तक।"
प्रदीप भंडारी एक उद्यमी और ‘जन की बात’ के संस्थापक और सी.ई.ओ. हैं, जो जमीनी स्तर पर जनता की राय का पता लगानेवाला एक मंच है। उन्हें देश के सबसे सटीक चुनाव विश्लेषकों में से एक माना जाता है। साथ ही, वह सबसे युवा राजनीतिक विश्लेषक हैं, जिन्होंने 28 वर्ष की आयु में भारत के 400 से भी अधिक संसदीय क्षेत्रों का दौरा किया है। प्रदीप के विश्लेषण और चुनाव से जुड़े विशेष कार्यक्रम रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क पर देखे जा सकते हैं, जहाँ वह लोकप्रिय हिंदी कार्यक्रम ‘ललकार’ के प्रस्तुतकर्ता भी रह चुके हैं।