हमारा जीवन ईश्वर प्रदत्त एक सुंदर तोहफा है, जिसे हर व्यक्ति सुंदरतम बनाने की कोशिश करता है। इस प्रयत्न में वह अपनी बुद्धि, रुचि, परिस्थति आदि के अनुसार अपना विषय तय करता है। उन्हीं में से साहित्य की एक विधा कथा है। कहानी अपने कालखंड के संपूर्ण पारिवारिक, सामाजिक एवं राजनीतिक परिवेश को जानने-समझने के लिए एक बहुत सशक्त विधा है। आकार में छोटी होने के बावजूद यह समाज को बदलने की ताकत रखती है।
आज समाज में संयुक्त परिवार का ढाँचा पूरी तरह चरमरा गया है। एकल परिवार में भी इकाइयाँ अत्यंत छोटी हो गई हैं। विज्ञान के नित नए आविष्कारों ने अनेक तरह के सुविधाजनक उपकरणों के साथ हमारी जिंदगी आसान बना दी है, पर साथ-ही-साथ उन सभी वस्तुओं का उपयोग कर पाने की लालसा ने उसे कुंठा, ईर्ष्या, किसी तरह दूसरों से ऊपर उठने की स्पर्धा से भी नवाजा है। उस होड़ में वह इतना संलग्न, व्यस्त और त्रस्त हो गया कि मानवीय संवेदनाओं, रिश्तों के सूक्ष्म रेशों को समझ पाना उसके लिए नामुमकिन सा हो गया है। अपने स्वजनों की भावनाओं से अनभिज्ञता रिश्तों को पेचीदा बना देती है और तब अपनी गलती को नजरअंदाज कर वह सामने वाले की गलतियाँ ढूँढ़ने में लग जाता है। धीरे-धीरे वह रिश्ता ही उसे गलत लगने लगता है और उससे आजाद होना चाहता है।
मानवीय मूल्यों, पारिवारिक और सामाजिक संबंधों की अंतर्दृष्टि प्रदान करती पठनीय कहानियों का संकलन।