प्रस्तुत कथा-क्रम में गांधी के जीवन केचंद घटनात्मक दृश्यों को गूंथा गया है। हालाँकि उनकी विराट् जीवनगाथा में से चंद दृश्यों का चयन करना और उनको गुँथनापिरोना, वह भी घटनात्मक धारावाहिकता के साथ, बेहद कठिन चुनौती रही। फिर भी, प्रयास किया गया है कि यह कथा-क्रम ऐसा हो, जिसे पढ़ते-पढ़ते पाठक के मन में जिज्ञासा उभरे और वह खुद उन कथाओं के जरिये गांधी के जीवनक्रम के विकास को सहज ढंग से जोड़ता चले।
गांधी के जीवन से जुड़ी किसी भी घटना का विवरण कथा-रूप में यूँ प्रस्तुत किया गया है, जिसका कोई निचोड़ या निष्कर्ष निकालने के लिए कोई पाठक (बच्चा हो या बड़ा) खुद को स्वतंत्र भी महसूस करे। हो सकता है कि किसी घटना को पढ़कर किसी पाठक का दिमाग प्रश्नाकुल हो उठे और किसी अन्य पाठक में गांधी के प्रति जिज्ञासु भाव जगे। एक ही कहानी एक पाठक में श्रद्धा-भाव मजबूत करे, तो दसरे में अंधश्रद्धा को कमजोर करे। प्रकारांतर से ये कहानियाँ किसी भी किशोर को पूर्वाग्रह, शंका, शत्रुता, आदि की जकड़न से मुक्त कर पाठक, श्रोता और दर्शक बनने तथा गांधी की स्वतंत्र खोज करने को प्रेरित करें।
-इसी पुस्तक से
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अनुक्रम
भूमिका —Pgs 5
1. मोनिया —Pgs 11
2. भय का भूत भागा —Pgs 15
3. ऊका का मोनिया —Pgs 19
4. खेल-खेल में —Pgs 27
5. चोरी का खेल —Pgs 31
6. दोस्ती का इनाम —Pgs 43
7. पश्चात्ताप : प्रायश्चित्त —Pgs 48
8. आजादी का पहला पाठ —Pgs 51
9. बाहर पढ़ाई : जात बाहर —Pgs 55
10. अंग्रेज बनने के फेर में —Pgs 74
11. असत्य का डंक —Pgs 88
12. प्रेम की वासना : वासना का प्रेम —Pgs 92
13. दोस्ती की कीमत —Pgs 95
14. क्लाइमेक्स —Pgs 104
15. सबको सन्मति दे भगवान् —Pgs 111
16. गांधी का मोनिया —Pgs 116
17. गांधी का मोहनदास —Pgs 119
18. गांधी का महात्मा —Pgs 121
19. गांधी के राम —Pgs 124
जन्म : 24 अक्तूबर, 1949 को जमशेदपुर (झारखंड) में। शिक्षा : तेलुगु ने खड़ा किया, हिंदी ने चलना सिखाया। मेकैनिकल इंजीनियरिंग, बी.आई.टी., सिंदरी (धनबाद)। विगत पच्चीस वर्षों से पत्रकारिता और साहित्यकारिता। संप्रति : लेखन, संपादन और पत्रकारिता।