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मोटापा एक प्रकार का रोग ही है जो व्यक्ति को उपहास का पात्र बना देता है, जिससे वह कुंठित और हीनभावना से ग्रस्त हो जाता है। यह कुंठा उसे और रोगों के पाश में बाँध देती है, उसका जीवन दूभर होने लगता है और भविष्य अंधकारमय।
मोटापे की अवहेलना करना कई अन्य रोगों को निमंत्रण देता है। बँधे-बँधाए नियमों और केवल भोजन तालिकाओं के अनुसार भोजन करने, श्रम कम करने, अकर्मण्य जीवन बिताने, खाने को ही जीवन का ध्येय मानने, मोटापे को भाग्य का खेल समझने तथा मनमानी करने से मोटापा कभी कम नहीं होगा। यदि होगा भी तो अस्थायी तौर पर ही।
प्रस्तुत पुस्तक में मोटापे से ग्रस्त रोगियों को सही राह दिखाकर उन्हें समुचित उपाय करने हेतु प्रेरित किया गया है तथा उनमें आशा और विश्वास की किरण जाग्रत् कर उनका मनोबल बढ़ाया गया है।
इस पुस्तक में उन सभी उपायों का विस्तार से वर्णन किया है, जिनसे मोटापे पर काबू पाया जा सकता है। पाठकों की सुविधा के लिए पुस्तक में कद, भार, भोजन, कैलोरी आदि पर उपयोगी तालिकाएँ दी गई हैं। मोटापे के अभिशाप से मुक्ति दिलाने में सहायक अत्यंत व्यावहारिक एवं उपयोगी पुस्तक।
जन्म : 26 मार्च, 1937 को पटियाला (पंजाब) में।
शिक्षा : दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.ए. (ऑनर्स) और एम.ए.।
औषधि विज्ञान, स्वास्थ्य, आहार-पोषण, योग, प्राणायाम, आयुर्वेद, होम्योपैथी आदि विषयों में विशेष अभिरुचि। हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, गुरुमुखी भाषाओं का पर्याप्त ज्ञान। अब तक विभिन्न विषयों पर 100 से ऊपर पुस्तकों का लेखन। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में स्वास्थ्य, योग, यौन, औषधि, धर्म संबंधी विषयों पर अनेक लेख प्रकाशित।