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Mukul Mala    

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Author Shraddha Nikunj Bhardwaj ‘Ashk’
Features
  • ISBN : 9789355625380
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Shraddha Nikunj Bhardwaj ‘Ashk’
  • 9789355625380
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2024
  • 112
  • Soft Cover
  • 150 Grams

Description

"कहाँ मन की सुने, ये जग तो केवल तन समझता है

कि सच्चे प्रेम को बस व्यर्थ का बंधन समझता है

कहानी और सच्चे दर्द में अंतर है बस इतना

कथा दुनिया समझती है, व्यथा बस मन समझता है

 

पहले मन के धागे में वो लफ्ज़ पिरोता था

फिर कागज़ पर उन लफ्ज़ो से सपने बोता था

मेल और मैसेज ने छीना लुत्फ़ तसव्वुर का

खत के हर्फ-हर्फ में उसका चेहरा होता था

 

पुरुषों की उन्मुक्त हँसी पर किसके पहरे होते हैं

नारी की मुस्कानों में भी गम ही ठहरे होते हैं

नर की तुलना में नारी को नारी ही बेहतर समझे

दर्द भरे रिश्ते खुशियों से ज्यादा गहरे होते हैं

 

पर खोलने से पहले इतना खयाल रखिए

वो भी जमीं पे आए जो शाह थे फलक के

 

जो बेटे को गौरव समझे, बेटी को जिम्मेदारी

इस वैचारिक बीमारी की नींव हिलाना लाज़िम है"

The Author

Shraddha Nikunj Bhardwaj ‘Ashk’

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