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Author Partha Sarthi Sen Sharma
Features
  • ISBN : 9789386300225
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Partha Sarthi Sen Sharma
  • 9789386300225
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2018
  • 184
  • Hard Cover

Description

इस पुस्तक के लेखक सरकार के लिए कार्य करनेवाले एक सैंतीस वर्षीय भारतीय हैं। भारत सरकार ने अपने मध्य क्रम के अधिकारियों के शिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत एम.बी.ए कोर्स हेतु उन्हें चुना और प्रायोजित किया था। इस कोर्स के लिए उन्हें एक अल्पज्ञात यूरोपीय देश स्लोवेनिया की राजधानी ल्युब्ल्याना भेजा गया।  
बीते हजारों वर्षों से यूरोपीय यात्री भारत की यात्रा करते और अपनी इन यात्राओं के बारे में लिखते रहे हैं। मेगस्थनीज से लेकर मार्को पोलो और निकोलो कॉण्टी से मार्क टली तक बहुत से श्वेत यूरोपियनों ने भारत की यात्रा कर अपने देशवासियों व भावी पीढ़ी के लाभ हेतु अपने अनुभवों को दर्ज किया है। इस अनुपात में, यूरोप की यात्रा करनेवाले भारतीयों की संख्या बहुत कम है और उनमें से भी अपने अनुभवों, दृष्टिकोणों व प्रतिक्रियाओं को दर्ज करनेवालों की संख्या तो और भी कम रही है। लेकिन पिछली शताब्दी में भारत इतना बदल गया है, जितना इतिहास में किसी भी शताब्दी में नहीं बदला था। आज इतिहास में पहली बार यूरोप से आनेवालों के मुकाबले यूरोप जानेवाले भारतीयों की संख्या अधिक हो गई है। इसके बावजूद कुछ अज्ञात कारणों से अपनी यूरोप यात्रा के अनुभवों को दर्ज करनेवाले भारतीयों की संख्या नगण्य ही है। यह पुस्तक इसी असंतुलन को साधने का एक विनीत प्रयास है, जो वहाँ की कला-संस्कृति-समाज का सांगोपांग दर्शन कराती है।

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अनुक्रम

आभारोति — 6

लेखकीय — 7

1. प्यारा सा ल्युल्याना — 13

2. स्लोवेनिया में घुमकड़ी — 28

3. अति विशिष्ट वेनिस — 43

4. शाश्वत रोम — 53

5. सुंदर सुरम्य प्राग — 77

6. बुडापेस्ट : मेरी निजी पसंद — 92

7. पेरिस : यूरोप का रत्न — 108

8. अद्वितीय लंदन — 121

9. लो-लैंड्स के पार — 142

10. जर्मन भूमि पर — 160

उपसंहार — 184

The Author

Partha Sarthi Sen Sharma

दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक पार्थ सारथी सेन शर्मा भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं और इस समय लखनऊ में स्थित हैं। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम्स, डिस्कवर इंडिया, स्वागत, रेल बंधु और अन्य प्रतिष्ठित पत्रिकाओं के लिए कई लेख लिखे हैं, जिनमें से अधिकांश यात्रा संबंधी हैं। वर्ष 2011 में उनका एक यात्रा-वृत्तांत ‘अ पैसेज अक्रॉस यूरोप’ प्रकाशित हुआ। अपने काम और लिखने के शौक के अलावा वे अपने परिवार के साथ समय बिताना पसंद करते हैं। वे खेलकूद में रुचि रखते हैं और साथ ही यात्रा करने तथा पुस्तकें पढ़ने के अत्यधिक शौकीन हैं।

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