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डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम आजाद भारत की सबसे प्रेरक हस्तियों में से एक हैं। एक वैज्ञानिक, विचारक, शिक्षक, लेखक और भारत के प्रथम नागरिक के रूप में उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय सफलता हासिल की। इसके साथ ही एक विकसित भारत के सपने को साकार करने के संकल्प, लोगों के साथ संवाद के सीधे और सरल तरीके के साथ ही देशवासियों के प्रति अगाध प्रेम ने उन्हें कोटि-कोटि भारतीयों का चहेता बना दिया था।
‘माय लाइफ’ में डॉ. कलाम ने अपने जीवन की कहानी लिखी है, जिसकी शुरुआत रामेश्वरम में उनके बड़े होने से होती है, फिर भारतीय अंतरिक्ष और मिसाइल कार्यक्रमों के लिए उनका काम करना, भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में उनका कार्यकाल, और उसके बाद के उनके जीवन की चर्चा है। एक अद्भुत जीवन का शानदार परिचय करानेवाली यह आत्मकथा कठिन परिश्रम, कर्मठता, साहस और नई सोच के महत्त्व को बतानेवाली कहानियों से भरी है। सुंदर वर्णन और सरल लेखन के कारण ‘माय लाइफ’ निश्चित ही सभी आयु के पाठकों को प्रेरित करेगी।
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम (15.10.1931-27.7.2015) भारत के यशस्वी वैज्ञानिकों में से एक तथा उपग्रह प्रक्षेपण यान और रणनीतिक मिसाइलों के स्वदेशी विकास के वास्तुकार थे। एस.एल.वी.-3, ‘अग्नि’ और ‘पृथ्वी’ उनकी नेतृत्व-क्षमता के प्रमाण हैं। उनके अथक प्रयासों से भारत रक्षा तथा वायु-आकाश प्रणालियों में आत्मनिर्भर बना। अन्ना विश्वविद्यालय में प्रौद्योगिकी तथा सामाजिक रूपांतरण के प्रोफेसर के रूप में उन्होंने विद्यार्थियों से विचारों का आदान-प्रदान किया और उन्हें एक विकसित भारत का स्वप्न दिया। अनेक पुरस्कार-सम्मानों के साथ उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत-रत्न’ से भी सम्मानित किया गया। विज्ञान-प्रसार में योगदान के लिए उन्हें प्रतिष्ठित ‘किंग चार्ल्स-II’ मेडल से सम्मानित किया गया। भारत के राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान देश भर के आठ लाख से अधिक छात्रों से भेंट कर उन्होंने महाशक्ति भारत के स्वप्न को रचनात्मक कार्यों द्वारा साकार करने का आह्वान किया।