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नरेश अग्रवाल के खून में राजनीति है। उनके पिताहरदोई से MLA थे, इस वजह से बचपन से हीवह राजनीति में सक्रिय थे। 1980 में वह पहली बारMLA बने, उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहींदेखा । अपनी परंपरागत सीट हरदोई से सात बार MLA चुने गए और दो बार राज्यसभा के सांसद बने । वह चारबार यू.पी. सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे । ऊर्जा मंत्री रहतेहुए उन्होंने घर-घर बिजली पहुँचाने का अभियान शुरूकिया। 1996 में उन्होंने कांग्रेस को तोड़करलोकतांत्रिक कांग्रेस बनाई और बीजेपी को समर्थनदेकर कल्याण सिंह को मुख्यमंत्री बनवाया। उसी समयवह पहली बार यू.पी. सरकार में कैबिनेट मंत्री बने । पूरेदेश में इस तोड़फोड़ को * नरेश फॉर्मूला ' के नाम सेजाना गया।
मूलत: हरदोई जिले के निवासी नरेश अग्रवालका जन्म 1 अक्तूबर, 1951 को हुआ था। 1972 मेंLLB की डिग्री हासिल करने के बाद वह सक्रियराजनीति में कूद गए और 1974 में यूथ कांग्रेस हरदोईके प्रेसीडेंट बने । हरदोई की पब्लिक से उनका संवादहमेशा बना रहता है और हर वक्त उनके लिए वह खड़ेरहते हैं । हरदोई जिसे कभी पिछड़ा कहा जाता था, नरेशअग्रवाल की कोशिशों से अब विकास में अव्वल होचला है। शायद तभी लोग उन्हें ' हरदोई का शेर' भीकहते हैं। ' नरेश अग्रवाल के राजनीतिक 50 वर्ष'पुस्तक उनके राजनीतिक जीवन की गाथा है। जिनलोगों की राजनीति में दिलचस्पी है, यह पुस्तक उनकेकाम की हो सकती है।