Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

NARTAN KARTE SHABDA

₹150

Out of Stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Krishna Kumar
Features
  • ISBN : 9789380823607
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Krishna Kumar
  • 9789380823607
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2012
  • 112
  • Hard Cover
  • 200 Grams

Description

कृष्ण कुमारजी विश्‍व भर में फैले हुए भारतवंशीय समुदाय के एक अभिन्न अंग हैं, ऐसा कहना अतिशयोक्‍ति नहीं होगी। वे हिंदी के प्रति निष्‍ठावान हैं और इसके प्रचार-प्रसार की अनेक गतिविधियाँ संचालित करते हैं। हिंदी जगत् ने उनके साहित्यकार मन और कवि मन की अनुभूतियों की ध्वनियाँ सुनीं। आश्‍चर्य भी हुआ कि विज्ञान शास्‍‍त्र का यह व्यक्‍ति इतना 'भावुक-मन’ भी हो सकता है।
गद्य और पद्य के संगम ने इन्हें कवि बना दिया और संवेदनशील मन से कविता का निर्झर बहने लगा। 'नर्तन करते शब्द’ कविता संग्रह एवं अन्य संग्रह इसका प्रमाण हैं।
'नर्तन करते शब्द’ शीर्षक जितना सुंदर है, कविताएँ भी उतनी ही सुंदर, सहज, परत-दर-परत नैतिक मूल्यों को उकेरती हुई, तो कभी गूढ़ अर्थों से ओतप्रोत होकर बहती हुईं।
उन्होंने स्वयं स्वीकारा है कि उनके बंधु-बांधव उन्हें अध्यात्म, दर्शन, जीवन-मरण, पौराणिकता से ओतप्रोत नैतिक मूल्यों के संरक्षक एवं भारतीयता को समॢपत कवि के रूप में देखने लगे हैं।

The Author

Krishna Kumar

जन्म : सन् 1940 में बहराइच (उ.प्र.) में।
शिक्षा : बी.टेक. (आई.आई.टी., मद्रास), पी-एच.डी. (यू.के.)।
कृतित्व : ‘मैं अभी मरा नहीं’, ‘चिंतन बना लेखनी मेरी’, ‘लेकिन पहले इंसान बनो’, ‘एक त्रिवेणी ऐसी भी’ (कविता संग्रह); ‘अक्षर-अक्षर गीत बने’ (गीत संग्रह); ‘भाषा, साहित्य एवं राष्‍ट्रीयता’ (निबंध संग्रह)।
संपादित पुस्तकें : धनक, गीतांजलि पोएम्स फ्रॉम ईस्ट एंड वेस्ट, आएसिस पोएम्स, काव्य तरंग, मल्टीफेथ मल्टी लिंग्वल पोएम्स फॉर पीस एंड टुगेदरनेस (सभी बहुभाषीय कविताएँ अंग्रेजी अनुवाद के साथ); ‘सूरज की सोलह किरणें’ (16 रचनाओं की हिंदी कविताएँ), ‘अपनी उम्मीदों के साथ’ (गीतांजलि समुदाय के 9 कथाकारों का संग्रह)।
सम्मान : चेतना परिषद्, लखनऊ (1999), इमर्ज, यू.के. (2001), प्रवासी भारतीय भूषण सम्मान (2006), महर्षि अगस्त्य सम्मान, रामायण केंद्र, मॉरीशस (2008)।
अन्य उपलब्धियाँ : गीतांजलि बहुभाषीय साहित्यिक समुदाय, बर्मिंघम के संस्थापक। लंदन में आयोजित छठे विश्‍व हिंदी सम्मेलन की कार्यकारिणी समिति के चेयरमैन।

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW