Nathapanth "नाथपंथ" Book In Hindi
योग साधना एवं दर्शन की परंपरा भारत में प्रा चीनकाल से चली आ रही है। योगदर्शन एवं साधना भारतीय तत्त्वज्ञान तथा अध्या त्म विधा की पराकाष्ठा है। योगदर्शन एवं साधना का अस्ति त्व कि सी-न-कि सी रूप में वैदिककाल से ही दृष्टिगत होता है। सैंधव सभ्य ता के पुरावशेषों में मोहनजोदड़ो और हड़प्पा के अनेक पुरास्थलो से पशुपति शिव की उपासना के प्रमाण मिले हैं। ताम्रपट्ट पर अंकित योगासन मुद्रा की मूर्ति इसका प्राचीनतम पुरातात्विक प्रमाण है।
नाथपंथ के पांथिक स्वरूप गढ़ने वाले महायोगी गोरखनाथ के समय से योगियों की एक सशक्त परंपरा ने भारत की सामाजिक, धार्मिक एवं आध्यात्मिक चेतना को पुनः एक नवीन एवं प्रशस्त मार्ग दिया। महायोगी गोरखनाथ द्वारा अभ्युदित नाथपंथ भारत की समकालीन धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सामाजिक परिस्थितियों के गर्भ से निकला था।