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Nathpanth Ka Itihas (History & Tradition of Natha Sampradaya in Hindi)   

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Author Padmaja Singh
Features
  • ISBN : 9789355622884
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Padmaja Singh
  • 9789355622884
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2024
  • 360
  • Soft Cover
  • 350 Grams

Description

महात्मा बुद्ध के बाद भारत में सामाजिक पुनर्जागरण का शंखनाद महायोगी गोरखनाथ ने किया। गोरखनाथ भारतीय इतिहास में ऐसे तपस्वी हैं, जिन्होंने विशुद्ध योगी एवं तपस्वी होते हुए भी सामाजिक-राष्ट्रीय चेतना का नेतृत्व किया। उन्होंने नाथपन्थ का पुनर्गठन सामाजिक पुनर्जागरण के लिए किया। पारलौकिक जीवन के साथ-साथ भौतिक जीवन का सामंजस्य बिठाने वाले इस महायोगी ने भारतीय समाज में सदाचार, नैतिकता, समानता एवं स्वतंत्रता की वह लौ प्रज्ज्वलित की, जिसकी लपटें जाति-पाँति, ऊँच-नीच, छुआछूत, भेदभाव, अमीरी-गरीबी, पुरुष-स्त्री, विषमताओं और क्षेत्रीयतावाद जैसी प्रवृत्तियों को निरंतर जलाती रहीं। नाथपन्थ के विचार-दर्शन ने एक ऐसी योगी-परंपरा को जन्म दिया, जिसने भारतीय संस्कृति के एकाकार सामाजिक चिंतन को ही अपना उद्देश्य बना दिया। नाथपन्थ की इस योगी-परंपरा ने हर प्रकार की सामाजिक बुराइयों का खुलकर प्रतिकार किया। महायोगी गोरखनाथ ने वर्ण-व्यवस्था और जाति-व्यवस्था के श्रेष्ठतावादी सिद्धांत को चुनौती दी एवं सभी वर्णों तथा जातियों को एक समान बताया।

 

The Author

Padmaja Singh

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