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अपने देश के सामाजिक और राजनीतिक चरित्र का जो भी अच्छा स्वरूप आज हमें दिखाई देता है उसके लिए जिन महापुरुषों की ध्येय-दृष्टि और उदात्त जीवनादर्श प्रेरक रहे हैं, उनमें डॉ. आंबेडकर का स्थान अग्रिम पंक्ति में है । उनके लिए परिस्थिति अत्यंत प्रतिकूल थी । जन्म ऐसी जाति में हुआ था, जो जाति- प्रथा की श्रेष्ठ कनिष्ठतावाली रचना में निम्न स्तर पर थी । किसी के लिए भी उन कंटीले बंधनों से बाहर निकलना आसान नहीं था । डॉ. आंबेडकर की महिमा यह हें कि वे इन कँटीले बंधनों को तोड़कर बाहर निकले । इतना ही नहीं, उन्होंने तो अपने समाज-बांधवों को बंधनों से मुक्त होने का रास्ता भी बताया-और केवल बताया ही नहीं, अपने आचरण से उसे प्रशस्त भी बनाया । डॉ. आंबेडकर की जीवन-गाथा को अनेक भाषाओं में अनेक लेखकों द्वारा लिपिबद्ध किया गया है । उन सबका अपना महत्व है । भविष्य में भी नए लेखक उनके लंबे जीवन के विभिन्न पहलुओं को नई दृष्टि से देखेंगे और उस दृष्टि को शब्द- सृष्टि में बदलने का प्रयास करेंगे । श्री अग्निहोत्री ने डॉ. आबेडकर को उनके जीवन काल में घटित घटनाचक्र के रूप में प्रस्तुत किया है । इस जीवनचरित की उल्लेखनीय विशेषता यह है कि यह घटनाओं का संकलन मात्र नहीं है और न यह मात्र जीवनवृत्त ही है । यह डॉ. आंबेडकर के विराट् व्यक्तित्व और कालजयी कृतित्व को उपन्यास की शैली में सरल तथा सुबोध भाषा के माध्यम से सामान्य पाठकों तक पहुँचाने का अर्थपूर्ण प्रयास है ।
जन्म : 14 अप्रैल, 1926 को सिवनी, मालवा ( जिला- होशंगाबाद, म. प्र.) में ।
शिक्षा : बी.ए., सागर विश्वविद्यालय, डिप्लोमा पत्रकारिता, नागपुर विश्वविद्यालय ।
कार्यक्षेत्र : संगठन मंत्री, विंध्य प्रदेश, भारतीय जनसंघ; संपादक, ' आकाशवाणी ' सांध्य दैनिक ( दिल्ली); संपादक, ' पञ्चजन्य' ( मध्य भारत संस्करण); प्रांत प्रचारक महाकौशल, रा.स्व. संघ; संपादक, ' राष्ट्रधर्म ' मासिक, लखनऊ; संपादक, ' युगवार्ता ', प्रसंग लेख सेवा, नई दिल्ली; ब्यूरो प्रमुख, हिंदुस्थान समाचार न्यूज एजेंसी; युद्ध संवाददाता ( पश्चिम क्षेत्र); उप-समाचार संपादक, एकीकृत ' समाचार ' न्यूज एजेंसी, नई दिल्ली; क्षेत्रीय ब्यूरो व्यवस्थापक, हिंदुस्थान समाचार ( महाराष्ट्र -गुजरात), बंबई; विदेश संवाददाता, ( नेपाल) काठमांडो; प्रधान संपादक, ' हिंदुस्थान समाचार ', नई दिल्ली; प्रबंध संपादक ' पाञ्चजन्य ' ( साप्ताहिक), दिल्ली एवं महाप्रबंधक, भारत प्रकाशन, नई दिल्ली ( लि.); निदेशक, विश्व संवाद केंद्र ( मीडिया सेंटर), नई दिल्ली; निदेशक, मीडिया सेंटर, अयोध्या; प्रकाशक एवं प्रधान संपादक : मीडिया फोरम फीचर्स से ।
पुस्तकें : ' कश्मीर के मोर्चे पर ' ( राजनीतिक), ' राष्ट्र-जीवन की दिशा ' ( पं. दीनदयालजी के भाषण), ' बाजीप्रभु देशपांडे ' ( किशोर उपन्यास), ' सुरक्षा के मोर्चे पर ', ' अविस्मरणीय बाबा साहेब आपटे ', ' कम्युनिस्ट विश्वासघात की कहानी ', ' डॉ. हेडगेवार : एक चमत्कार ' ।
संप्रति : भारतीय जनता पार्टी, केंद्रीय कार्यालय में मीडिया प्रकोष्ठ का कार्य -संयोजन ।