₹250
‘‘भा ई साहब! वकील साहबान क्यों पीट रहे हैं रिक्शाचालक को?’’ दूसरे तमाशबीन से मैंने पूछा।
‘‘उनकी इच्छा।’’
‘‘रिक्शावाले का कसूर?’’
‘‘कुछ नहीं, बस मजबूरी, गरीबी, बीमारी और बुढ़ापा।’’
‘‘और इतने लोग तमाशबीन, तुम भी?’’
‘‘तुम नए लग रहे हो, इस इलाके के लिए?’’
‘‘नहीं, पाँच साल से हूँ।’’
‘‘ताज्जुब है, कैसे नहीं जानते?... खैर! इतना जान लो, ये शरीफ लोग जब नशे में धुत होते हैं तो किसी का शरीर नाप लेते हैं, किसी भी लड़की या महिला से ठिठोली कर लेते हैं और लोग उस तमाशे को फिल्म के रोमांचक दृश्य की तरह देखते हैं; मैं भी, जैसे अभी,’’ उसने खुलासा किया।
‘‘कोई विरोध नहीं करता?’’
‘‘नहीं, कोई नहीं, जानने वाला तो कतई नहीं। उत्साही किस्म का अनजान दखल देते ही बलि का बकरा बन जाता है।’’ उस व्यक्ति की बात सुनते-सुनते मेरी नजर पुलिस के दो जवानों पर पड़ी, जो बगल के ठेले से मौसमी का जूस पी रहे थे। झट मैं उनके पास पहुँच गया।
‘‘वहाँ दो अपराधी खुलेआम एक बूढ़े रिक्शेवाले को बुरी तरह पीट रहे हैं और आप लोग इत्मीनान से जूस पी रहे हैं?’’ मैंने नसीहत दी।
—इसी पुस्तक से
समाज पर हावी असामाजिक तत्त्वों की कारगुजारियों तथा आम आदमी की सुरक्षा की पोल खोलनेवाला पठनीयता से भरपूर रोमांचक उपन्यास।
__________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________
अनुक्रम
1. एक्सक्लूसिव न्यूज — 9
2. जोंक — 14
3. तारकेश्वर बाबू का भोज — 29
4. स्वप्न दंश — 38
5. भूख — 46
6. बाँबी — 59
7. अड्डा — 74
8. बंद आदमी — 85
9. कगार पर अकेले — 95
10. रात निबदर, दिन को बदर — 108
11. इसीलिए — 114
12. मंजिल-मंजिल — 123
13. कॉल-मिस कॉल — 130
14. झोल-झाल — 141
15. नया साल मुबारक हो! — 146
जन्म : 07 जनवरी, 1953 ग्राम-बसेरा, जिला-गवा (बिहार) में।
शिक्षा : एम.ए. (अर्थशास्त्र)।
प्रकाशित पुस्तकें : ‘चौराहे पर’, ‘और लातूर गुम हो गया’, ‘राग भैरवी’, ‘कठफोड़वा तथा अन्य कहानियाँ’, ‘तुम्हारी तसवीर नहीं है यह’, ‘प्रतिनिधि कहानियाँ’, ‘ब्रेकिंग न्यूज’ (कहानी-संग्रह); ‘आजादी की कहानी’ (बालकथा-संग्रह); ‘कुँअर सिंह और 1857 की क्रांति’ (इतिहास पुस्तक); ‘ताकि बची रहे हरियाली’ (उपन्यास)।
प्रसारण : दूरदर्शन से टेलीफिल्म, वार्त्ताएँ प्रसारित। आकाशवाणी से कहानियाँ, नाटक, रूपक आदि प्रसारित। कुछ मगही, भोजपुरी कहानियाँ भी आकाशवाणी से प्रसारित।
अनुवाद : तेलुगु, मलयालम, बांग्ला, उर्दू, पंजाबी आदि में कई कहानियाँ अनूदित।
पुरस्कार-सम्मान : ‘राजेश्वर प्रसाद सिंह कथा-सम्मान’ तथा बिहार राष्ट्रभाषा परिषद् द्वारा सम्मानित। विभिन्न गैर-सरकारी साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित।
संप्रति : स्वतंत्र लेखन एवं साहित्यिक पत्रिका ‘जनपथ’ का संपादन-प्रकाशन।
दूरभाष : 9431847568