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भारत में भ्रष्टाचार, आतंकवाद, पर्यावरण-क्षति जैसी चुनौतियों से निपटने की क्या उम्मीद है? हम ऐसा राष्ट्र किस प्रकार बना सकते हैं, जो आम आदमी का जीवन स्तर सुधार सके? ऐसा राष्ट्र किस प्रकार बनाया जा सकता है, जहाँ आतंकवादी और अपराधी अपनी करतूतों को अंजाम देने के बारे में सोच भी न सकें? ऐसा राष्ट्र किस प्रकार बनाया जा सकता है, जो विश्व में जल्द ही संभावित चतुर्थ औद्योगिक क्रांति में प्रमुख भूमिका निभा सके? सबसे महत्त्वपूर्ण यह कि हम इन 7-8 वर्षों में किस प्रकार आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय परिवर्तन ला सकते हैं?
लाखों भारतीय लोगों के मन में उठने वाले कई कठिन प्रश्नों के उत्तर इस पुस्तक में हैं। इन्हें लेखक की 50 से अधिक देशों के राजनेताओं, सामाजिक-परिवर्तकों, व्यवसायियों और आतंकवादियों से हुई बातचीत के आधार पर तैयार किया गया है। इस पुस्तक में समस्याओं के समाधान तथा भारत के युवा नागरिकों के लिए रूपरेखा उपलब्ध कराई गई है। यह आश्वस्त करती है कि अगर हम नई दिशा की तलाश करें, तो भारत का भविष्य उससे भी बेहतर हो सकता है, जितना कि हम सोचते हैं।
यह पुस्तक डेढ़ साल पहले सबसे पहले मराठी में प्रकाशित हुई थी। आठ संस्करणों, उर्दू अनुवाद और दृष्टिबाधितों के लिए ऑडियो संस्करण के साथ यह बेस्टसेलर बनी हुई है। अनगिनत लोगों के जीवन को यह पहले ही बदल चुकी है।