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जिस प्रकार पेड़-पौधों का विकास कृषि द्वारा होता है, उसी प्रकार मानव समाज का विकास शिक्षा द्वारा होता है। शिक्षा कैसी हो जिससे राष्ट्र सुशिक्षित ही नहीं सुदृढ़ भी बने—इसका निर्धारण शिक्षा नीति ही करती है। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू होने जा रही है। यह पुस्तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर आधारित है।
इस पुस्तक में भारतवर्ष में प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक शिक्षा पद्धतियों पर प्रकाश डाला गया है, तत्पश्चात् राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को केंद्र में रखकर शिक्षा जगत् में होनेवाले परिवर्तनों और उनके प्रभावों पर विचार किया गया है। लागू होने जा रही राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के संबंध में देश के ख्यातिप्राप्त विद्वानों के विचारों को ज्यों-का-त्यों प्रस्तुत किया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में विश्व के प्रमुख देशों की शिक्षा व्यवस्था को समझने-समझाने का एक प्रयास भी किया गया है। अंततः राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के आलोक में शिक्षा के क्षेत्र में होने जा रहे युगांतरकारी परिवर्तनों का उल्लेख किया गया है। साथ ही इस बात को व्याख्यायित करने का प्रयास किया गया है कि शिक्षा नीति से हमारा राष्ट्र कैसे उन्नति-प्रगति करेगा, बेरोजगारी कैसे दूर होगी, हमारे विद्यार्थियों को—जो हमारे देश का भविष्य हैं—शिक्षा प्राप्त करने के उत्तमोत्तम अवसर कैसे प्राप्त होंगे।
अवनीश कुमार सिंह, लखनऊ खंड स्नातक सीट से उत्तर प्रदेश विधान परिषद् के सदस्य हैं। वह एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् और सन् 1965 से संचालित ‘सुभाष चंद्र बोस शैक्षिक समूह’ के अध्यक्ष हैं। वह सन् 2014 से ‘क्रीड़ा भारती’ अवध प्रांत के अध्यक्ष हैं। उन्होंने वर्ष 2017 से 2020 तक भारतीय जनता पार्टी, अवध क्षेत्र के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष के दायित्व का निर्वहन करते हुए पार्टी व संगठन को मजबूत करने में अपना सक्रिय योगदान दिया है।
उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद देश
के प्रतिष्ठित संस्थान ‘आईआईएम कोलकाता’ केआदर्श परिवेश में प्रबंधन की शिक्षा ग्रहण की है। उन्होंने अमेरिका, इजरायल और यूरोप के विभिन्न देशों में भ्रमण करके वहाँ की शिक्षा-पद्धति का गहन अध्ययन किया है। तुलनात्मक विश्लेषण में विशेष रुचि होने के कारण विभिन्न देशों की शैक्षिक प्रणाली का सूक्ष्म विवेचन करने के बाद भारत की नई शिक्षा नीति की विशेषताओं तथा उसके दूरगामी प्रभाव को समावेशित करने वाली इस कृति की रचना की है।