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नए बिजनेस के फंडे
व्यापार भी परिवर्तनशील है। 163 सालों के बाद 2013 में डाक-तार की व्यवस्था समाप्त हो गई और संचार के नए-नए तरीके फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया के रूप में सामने आ गए। इसी प्रकार, वॉटरमैन ने लिखने के उपकरण का आविष्कार किया, जिसे पेन कहा जाता है, लेकिन रेनॉल्ड्स ने पेन की कीमत कम करके आम लोगों तक पेन की पहुँच बनाई और सबसे अधिक धन कमा डाला। नटशैल में कहा जाए तो आज बिजनेस के तौर-तरीकों में बहुत ज्यादा बदलाव हुआ है। नए क्षेत्र खुले हैं, व्यापार बढ़ाने की नई तकनीकें विकसित हुई है।
जब तक व्यापार को ग्राहकों के बड़े आधार तक नहीं फैलाया जाता, या कुछ ऐसे लोगों तक नहीं फैलाया जाता, जो बहुत अधिक धन खर्च कर सकते हैं, तब तक व्यापार फल-फूल नहीं सकता।
इस पुस्तक में नए बिजनेस के नए प्रैक्टिकल आइडिया दिए गए हैं। इसमें ऐसे ही लोगों के बारे में बताया गया है, जिन्होंने अपने-अपने व्यवसायों में नई सोच के साथ काम किया और अभूतपूर्व सफलता हासिल की।
एन. रघुरामन
मुंबई विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट और आई.आई.टी. (सोम) मुंबई के पूर्व छात्र श्री एन. रघुरामन मँजे हुए पत्रकार हैं। 30 वर्ष से अधिक के अपने पत्रकारिता के कॅरियर में वे ‘इंडियन एक्सप्रेस’, ‘डीएनए’ और ‘दैनिक भास्कर’ जैसे राष्ट्रीय दैनिकों में संपादक के रूप में काम कर चुके हैं। उनकी निपुण लेखनी से शायद ही कोई विषय बचा होगा, अपराध से लेकर राजनीति और व्यापार-विकास से लेकर सफल उद्यमिता तक सभी विषयों पर उन्होंने सफलतापूर्वक लिखा है। ‘दैनिक भास्कर’ के सभी संस्करणों में प्रकाशित होनेवाला उनका दैनिक स्तंभ ‘मैनेजमेंट फंडा’ देश भर में लोकप्रिय है और तीनों भाषाओं—मराठी, गुजराती व हिंदी—में प्रतिदिन करीब तीन करोड़ पाठकों द्वारा पढ़ा जाता है। इस स्तंभ की सफलता का कारण इसमें असाधारण कार्य करनेवाले साधारण लोगों की कहानियों का हवाला देते हुए जीवन की सादगी का चित्रण किया जाता है।
श्री रघुरामन ओजस्वी, प्रेरक और प्रभावी वक्ता भी हैं; बहुत सी परिचर्चाओं और परिसंवादों के कुशल संचालक हैं। मानसिक शक्ति का पूरा इस्तेमाल करने तथा व्यक्ति को अपनी क्षमता के अधिकतम इस्तेमाल करने के उनके स्फूर्तिदायक तरीके की बहुत सराहना होती है।
इ-मेल : nraghuraman13@gmail.com