₹600
यह पुस्तक नेपाल के संवैधानिक और राजनीतिक विकास को हिंदी भाषा में प्रस्तुत करने का एक अनूठा प्रयास है। इस पुस्तक में नेपाल के संविधानवाद के विकास का कालक्रमानुसार विवरण दिया गया है। वर्ष 1948 से लेकर नेपाल के वर्तमान संविधान तक के सभी संविधानों के उद्भव और पतन का विश्लेषण तत्कालीन नेपाली राजनीति के अनुसार पुस्तक में चित्रित किया गया है। यह पुस्तक नेपाल के राणाओं द्वारा प्रदत्त संविधान, पंचायती काल संविधान, 1990 के संवैधानिक राजतंत्र के संविधान और वर्ष 2015 के लोकतंत्रीय संविधान के सभी पहलुओं का विवरणात्मक एवं आलोचनात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। नेपाल के माओवादी आंदोलन और मधेश संकट को भी यहाँ वर्णित किया गया है। अध्ययन को व्यवस्थित और सरल बनाने के लिए पुस्तक को सात अध्यायों में बाँटा गया है।
डॉ. राकेश कुमार मीना वर्तमान में डी.ए.वी. पी.जी. कॉलेज, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी के राजनीति विज्ञान विभाग में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। इसके पूर्व डॉ. मीना इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स (ICWA), नई दिल्ली में रिसर्च फेलो के पद पर दक्षिण एशियाई देशों की राजनीति और विशेष रूप से नेपाल के शोध विशेषज्ञ के रूप में वर्ष 2015 से कार्य कर रहे थे। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), नई दिल्ली से एम.फिल. एवं पी-एच.डी. करने के पश्चात् डॉ. मीना ने सामाजिक और मानविकी शिक्षा विभाग, NCRET, नई दिल्ली में वर्ष 2007 से 2014 तक बतौर सहायक प्राध्यापक कार्य किया है। उन्होंने भारतीय राजनीति, वैश्विक मामलों, नेपाल और दक्षिण एशियाई देशों की राजनीति के मामलों पर कई शोध पत्र लिखे है। इसके अतिरिक्त और विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में पत्र वाचन किया है।