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Neta Nirman Udyog   

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Author Dr. Hari Joshi
Features
  • ISBN : 9788177211245
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Dr. Hari Joshi
  • 9788177211245
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2011
  • 152
  • Hard Cover

Description

अगले ही दिन सेठ, कलेक्टर के दर्शनार्थ बँगले पर पहुँच जाते हैं। कुछ प्रतीक्षा कराने के बाद—
कलेक्टर—“कहिए सेठजी, आपको क्या कष्ट हो गया है?”
“सर, अपना कष्ट बताने नहीं, आपका कष्ट दूर करने आया हूँ।”
कलेक्टर साहब बोले, “अच्छा-अच्छा, बताओ, मेरा कौन सा कष्ट दूर कर रहे हैं?”
“मुझे सुनने को मिला है, पिताजी चारों धाम की यात्रा पर जाने की इच्छा सँजोए हैं, मैंने सोचा, क्यों न उनकी तीर्थयात्रा का पुण्य-लाभ मैं भी ले लूँ?” सेठजी ने प्रस्ताव रखा।
“तो सेठजी! आपके सरीखा पापी, मेरे पिताजी के पुण्य-लाभों में कैसी भागीदारी करेगा?”
“क्यों सर, क्या मैं इतना गया-गुजरा हूँ। एक ए.सी. कार और ड्राइवर की व्यवस्था करा देता हूँ। पिताजी को तो बस बैठना है, तीर्थयात्रा करनी है और घर चले आना है। होटल में ठहरने की, फूल-माला, हवन, कपूर, शुद्ध घी, धूप, अगरबत्ती—सभी की व्यवस्था स्वत: ही होती जाएगी। यदि पिताजी चाहेंगे तो कोई ब्राह्मण ही इनके नाम से पूजा कर लेगा, पुण्य इनको मिल जाएगा।”
—इसी संग्रह से
प्रसिद्ध व्यंग्य लेखक श्री हरि जोशी का मानना है कि जहाँ जीवन के प्रत्येक क्षेत्र की समीक्षा अपने-अपने ढंग से की जाती हो, जहाँ बहुरुपिए यत्र-तत्र विराजमान हों, वहाँ लिखते रहने, चलते रहने में ही सुखानुभूति पाना श्रेयस्कर है।
समाज के अलग-अलग ढंग, भिन्न-भिन्न दृष्टिकोण, जटिलताएँ, विद्रूपताएँ—सबको अपने-आप में समेटे पठनीय एवं मन को झकझोर देनेवाले व्यंग्य।

The Author

Dr. Hari Joshi

जन्म : 17 नवंबर, 1943 को ग्राम खूदिया (सिराली), जिला हरदा (म.प्र.) में।
शिक्षा : एम.टेक. (इंजीनियरिंग मेटीरियल्स), पी-एच.डी. (रेफ्रीजेरेशन)।
प्रकाशन : ‘पँखुरियाँ’, ‘यंत्रयुग’, ‘River and other poems’ (U.S.) (कविता संग्रह); ‘अखाड़ों का देश’, ‘रिहर्सल जारी है’, ‘व्यंग्य के रंग’, ‘भेड़ की नियति’, ‘आशा है सानंद हैं’, ‘पैसे को कैसे लुढ़का लें’, ‘सारी बातें काँटे की’, ‘आदमी अठन्नी रह गया’, ‘मेरी श्रेष्‍ठ व्यंग्य रचनाएँ’, ‘नेता निर्माण उद्योग’, ‘किस्से रईसों के’, ‘My Sweet Seventeen’ (व्यंग्य संग्रह); ‘पगडंडियाँ’, ‘महागुरु’, ‘वर्दी’, ‘टोपी टाइम्स’ (उपन्यास); ‘पनहियाँ पीछे पड़ीं’, ‘किस्से-नवाबों-रईसों के’, ‘यंत्र सप्‍तक में सम्मिलित’ (अन्य रचनाएँ); ‘How to ruin your love life’ (अनुवाद) के अलावा प्रतिष्‍ठित पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित एवं आकाशवाणी तथा दूरदर्शन से प्रसारित।
सम्मान : ‘व्यंग्य के रंग’ पर म.प्र. हिंदी साहित्य सम्मेलन का ‘वागीश्‍वरी सम्मान’, म.प्र. लेखक संघ का ‘व्यंग्य सम्मान’, ‘व्यंग्य श्री’, ‘साहित्य मनीषी’’ सम्मान, ‘व्यंग्यश्री सम्मान’ आदि।
संप्रति : सेवानिवृत्त प्राध्यापक, मेकैनिकल इंजीनियरिंग (म.प्र.) शासन।

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