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Netaji Subhash Chitramaya Jeevani (Give Me Blood and I Will Give You Freedom (Netaji Subhas Chandra Bose's Life, Politics and Struggle: An Untold Neta Ji Journey) — Picture Book in Hindi Paperback   

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Author Rajendra Patoriya
Features
  • ISBN : 9789382898832
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Rajendra Patoriya
  • 9789382898832
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2025
  • 168
  • Soft Cover
  • 250 Grams

Description

नेताजी सुभाषचंद्र बोस क्रांतिकारी थे, उनका ध्येय था भारत की स्वतंत्रता। वे एक राजनेता, कूटनीतिज्ञ के साथ-साथ दूरदर्शी एवं स्पष्टवक्ता थे। उन्होंने किसी भी कीमत पर आजादी के लिए समझौता नहीं किया। उनका एक ही लक्ष्य था—अंग्रेजों से भारत की मुक्ति। नेताजी अपने चुंबकीय व्यक्तित्व के कारण भारत और बाहर आकर्षण का केंद्र रहे। वे अपने समय के विश्वमान्य नेता थे।
स्वतंत्रता के पूर्व विदेशी शासक घबराते रहे नेताजी सुभाष बाबू से तो स्वतंत्रता के उपरांत देशी सत्ताधीन घबराते रहे जनमानस पर उनके व्यक्तित्व और कर्तृत्व के अमिट प्रभाव से। यह बड़े ही आश्चर्य की बात है कि आजादी के बाद नेताजी के बारे में, उनके कार्यों के विषय में सरकारें कभी भी सही-सही मूल्यांकन नहीं कर पाईं। विद्वानों का मत है कि सुभाषचंद्र बोस और आजाद हिंद सेना के संपूर्ण विषय को विस्मृति के गर्त में ढकेलने के लिए सुनियोजित षड्यंत्र और कुचक्र रचे गए। नेताजी के जीवित होने के बारे में भी जनता असमंजस में रही।  लेकिन इन तमाम कुत्सित प्रयासों के बाद भी जन-जन के मन-मस्तिष्क में बसे हैं, आजादी के इतने वर्षों बाद भी जनता उनको भूल नहीं पाई है।
जन-जन के कंठहार और साहस व शौर्य की प्रतिमूर्ति नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रेरक जीवन-कथा व दुर्लभ चित्रावली।

 

The Author

Rajendra Patoriya

जन्म : 4 दिसंबर, 1944, छिंदवाड़ा ( म. प्र.) ।
शिक्षा : एम. काम., एम. ए., एल .एल. बी., बी .जे., राष्‍ट्रभाषा रत्‍न ।
कृतित्व : ' मुड़ाओ मूँछ लगाओ पूँछ ' ( व्यंग्य संग्रह), ' खरी - खरी ' ( व्यंग्य संग्रह), ' डॉ. आंबेडकर चित्रमयी जीवनी ', ' मुक्‍तागिरी : एक तीर्थ क्षेत्र ', ' जड़हीन दरख्त ' ( कविता संग्रह) । पाँच पुस्तकें संपादित ।
इसके अलावा देश की विभ‌िन्न पत्र - पत्रिकाओं में लेख, निबंध, शोध - निबंध, व्यंग्य लेख, व्यंग्य कविताएँ? क्रांतिवीरों की जानकारी आदि प्रकाशित । देश के कुछ अखबारों में पिछले अनेक वर्षों से नियमित स्तंभ । प्रतिनिध‌ि हिंदी पत्रिका ' खनन भारती ' के 22 वर्षों तक संपादक रहे ।
सम्मान-पुरस्कार : राष्‍ट्रीय हिंदी अकादमी ( रूपांबरा), अ. भा. दलित साहित्य अकादमी, अस्मिता दर्शी साहित्य अकादमी, भारतीय संस्कृति संस्थान, मध्य प्रदेश साहित्य सम्मेलन, भारत सरकार के मंत्रालय, अनेकों साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, खेलकूद संस्थाओं द्वारा अनेक बार सम्मानित ।
संप्रति : केंद्रीय हिंदी सलाहकार सदस्य दूरसंचार विभाग, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार । कुछ पत्रिकाओं व समाचार - पत्र के सलाहकार ; स्वतंत्र लेखन ।

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