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"Nikhil Kamath and Zerodha are two names that have become synonymous with bringing about a revolution in the Indian stock broking industry. The story of its rise from humble beginnings to become one of the largest and most innovative stock broking firms in India is a fascinating tale of entrepreneur ship, perseverance and innovation.
This book is the story of the incredible journey of Nikhil Kamath, the co-founder of Zerodha and his team’s unwavering dedication of excellence in the Indian stock broking industry. This book is an attempt to provide in-depth information about the life of Nikhil Kamath and the growth of Zerodha, from its inception to its current position as one of the leading stock broking firms in India.
From Nikhil Kamath’s early years and his passion for chess to his journey in the share market and the creation of Zerodha, each chapter provides a comprehensive overview of the story behind the success of this dynamic entrepreneur and his team."
रचना-संसार : ‘पहचान’, ‘क्रमशः’, ‘फिर से शुरू’, ‘वैलेंटाइन-डे’,‘घर-बेघर’, ‘अंतर्यात्रा’, ‘यादगारी कहानियाँ’, ‘प्रेम संबंधों की कहानियाँ’, ‘प्रतिनिधि कहानियाँ’ (कहानी-संग्रह); ‘अपार्थ’, ‘आवर्तन’, ‘हैमबरगर’, ‘यह खबर नहीं’, ‘मैं घूमर नाचूँ’, ‘पासवर्ड’ (उपन्यास); ‘बयान’, ‘गवाह’, ‘साक्षी हैं हम’, ‘सूर्य देता है मंत्र’, ‘घर और औरत’ (कविता-संग्रह), ‘नई कविता की परंपरा और भूमिका’, ‘अज्ञेय की काव्य संवेदना’, ‘शमशेर का काव्य’, ‘शांतिप्रिय द्विवेदी’, ‘व्यक्तित्व और कृतित्व’, ‘नारी-मुक्ति की पुरोधा’, ‘स्त्री संशब्द’, ‘विवेक और विभ्रम’, ‘स्त्री ः कथा-अंतर्कथा (आलोचना व स्त्री-विमर्श)। कई भाषाओं में रचनाएँ अनूदित; ‘हैमबरगर’ उपन्यास पर रेडियो धारावाहिक; ‘समय बोध’ कहानी पर फिल्म; ‘जंगल कहानी’ पर प्रसार भारती द्वारा फिल्म। रचनाकार के रूप में प्रसार भारती द्वारा उन पर केंद्रित फिल्म का निर्माण।
पुरस्कार-सम्मान : साहित्यकार सम्मान, साहित्य-भूषण, साधना श्रेष्ठ सम्मान, साहित्य श्रेष्ठ सम्मान, साहित्य भारती सम्मान, रचनाकार सम्मान, गजानन माधव मुक्तिबोध राष्ट्रीय पुरस्कार, हरियाणा गौरव सम्मान।