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"निरुपमा सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' द्वारा रचित एक प्रसिद्ध उपन्यास है, जो उनके साहित्यिक योगदान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस उपन्यास में निराला ने प्रेम, समाज, और व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं को बड़े ही संवेदनशील और गहरे तरीके से प्रस्तुत किया है। निरुपमा में एक स्त्री पात्र की कहानी के माध्यम से निराला ने न केवल प्रेम और संघर्ष की कहानी प्रस्तुत की, बल्कि समाज की कुरीतियों और स्त्री के अधिकारों के बारे में भी गहरी बात की है।
निरुपमा एक प्रेमकहानी है, जिसमें मुख्य पात्र निरुपमा एक आदर्श और साहसी महिला है, जो अपने प्रेम और जीवन के आदर्शों के लिए संघर्ष करती है। उपन्यास में निरुपमा की भावनाओं, उसके प्रेम, समाज में स्त्री की स्थिति, और उसके भीतर की आत्मनिर्भरता का गहराई से चित्रण किया गया है। निरुपमा अपने जीवन में प्रेम और आस्था के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करती है, लेकिन समाज की बेड़ियाँ उसे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित करती हैं।"